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बाहुबल, प्रतिष्ठा और प्रभाव की निर्णायक टक्कर…अनंत सिंह बनाम वीणा देवी; क्या बदलेगा ‘मोकामा’ सीट का समीकरण?

Bihar Assembly Election: बिहार विधानसभा चुनाव में मोकामा विधानसभा क्षेत्र इस वक्त हॉट सीट बना हुआ है. यहां से जदयू के अनंत सिंह और राजद की वीणा देवी आमने-सामने हैं.

By: Shubahm Srivastava | Published: November 1, 2025 11:46:50 PM IST



Mokama Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में मोकामा विधानसभा क्षेत्र (178) एक बार फिर राज्य के सबसे चर्चित और रोमांचक निर्वाचन क्षेत्रों में से एक बन गया है. ऊपर से जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की मौत के बाद इस क्षेत्र पर सभी की नजरें गढ़ी हुई हैं. राजधानी पटना से लगभग 90 किलोमीटर दूर मोकामा दशकों से बाहुबलियों के राजनीतिक प्रभाव और आर्थिक व राजनीतिक मुकाबलों के लिए जाना जाता है. 

इस वक्त यहां पर जदयू के अनंत सिंह और राजद की वीणा देवी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. गौर करने वाली बात ये है कि दोनों ही भूमिहार समुदाय से आते हैं, जिससे ये मुकाबला प्रतिष्ठा और प्रभाव की लड़ाई बन गया है. चलिए इस सीट पर वीणा देवी और अनंत सिंह में से किसका प्रभाव ज्यादा  और मोकामा सीट के बारे में भी कुछ जरूरी बातों पर भी एक नजर डाल लेते हैं.

28 आपराधिक मामले, पांच बार विधायक – अनंत सिंह के सफर पर एक नजर

अनंत सिंह ने सबसे पहले साल 2005 में मोकामा सीट जीती थी. इसके बाद उन्होंने लगातार पांच बार विधायक के रूप में यहां से जीत हासिल की. यहीं नहीं 2020 में जेल में रहते हुए भी अनंत सिंह ने राजद से चुनाव लड़ जीत हासिल की. हालांकि जल्द ही उनके नाम के आगे अपराधी शब्द भी जोड़ गया, जब उन्हें यूएपीए के तहत दोषी ठहराया गया और उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई.

इसके बाद अनंत सिंह ने अपनी जगह मैदान में पत्नी नीलम देवी को उतारा और उन्होंने उपचुनाव जीतकर उनकी सीट बरकरार रखी. अब हाल ही में पटना उच्च न्यायालय ने उन्हें बड़ी राहत देते हुए बरी किया है. इसके बाद एक बार फिर से जेडीयू ने उन्हें मोकामा सीट अपना उम्मीदवार बनाया है.

अगर हम अनंत सिंह का क्रिमनल रिकॉर्ड की बात करें तो पांच बार के विधायक पर हत्या, अपहरण, अवैध हथियार रखने जैसे 28 आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं उनकी संपत्ति पर नजर डालें तो अनंत सिंह की कुल संपत्ति 37.88 करोड़ रुपये है – वहीं पत्नी नीलम देवी की घोषित संपत्ति 62.72 करोड़ रुपये है. इसके अलावा दंपति पर 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज भी है.

पूर्व सांसद की पत्नी, पति हत्या के मामले में जेल में – वीणा देवी का राजनीतिक सफर 

वहीं अगर हम राजद उम्मीदवार वीणा देवी की बात करें तो वो पूर्व सांसद और हत्या के केस में जेल की हवा खा रहे सूरजभान सिंह की पत्नी हैं. अब यहां पर गौर करने वाली बात ये है कि सूरजभान, जो पहले दिलीप सिंह (अनंत के भाई) के शिष्य थे, 2000 में निर्दलीय चुनाव जीते और इलाके में अपना प्रभाव जमाना शुरू किया. फिलहाल जेल से रहकर सूरजभान अपनी पत्नी वीणा देवी की इस चुनाव में मदद कर रहे हैं. वीणा देवी “विकास और समानता” के मुद्दे पर वोट मांग रही हैं और कह रही हैं, “हमें एक मोकामा चाहिए, एक महान मोकामा.”

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मोकामा विधानसभा सीट पर एक नजर

बता दें कि यहां पर 1970 के दशक में किसानों की रक्षा के नाम पर “रक्षक गिरोह” शुरू हुआ, लेकिन बितते समय के साथ वो राजनीति में बदल गए अनंत सिंह और सूरजभान जैसे नेता उसी में आते हैं.

वहीं वोटर्स की बात करें तो इस सीट पर लगभग 2.89 लाख मतदाता हैं—जिनमें 82,000 धानुक और कुर्मी, 50,000 भूमिहार और 40,000 यादव शामिल हैं. प्रशांत किशोर की जन सूरज पार्टी (जेएसपी) से प्रियदर्शी पीयूष और आम आदमी पार्टी से डॉ. राजेश रत्नाकर भी मैदान में हैं, लेकिन मुकाबला मोटे तौर पर अनंत सिंह बनाम वीणा देवी माना जा रहा है.

चुनाव विश्लेषकों के अनुसार, यह व्यक्तित्व बनाम प्रभाव की लड़ाई होगी. मोकामा का परिणाम न केवल एक सीट के भाग्य का, बल्कि बिहार में बाहुबलियों की राजनीति के भविष्य का भी संकेत देगा.

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