हर देश के पास ऐसे जीव होते हैं जो उसकी संस्कृति, इतिहास और प्रकृति के प्रतीक बने हुए हैं। कुछ ताकत और शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं, तो कुछ सौम्यता, बुद्धिमत्ता और धरती के साथ सामंजस्य दिखाते हैं. आइए जानते हैं आठ ऐसे राष्ट्रीय पशु जो अपनी मातृभूमि की कहानी बयां करते हैं:
भारत – बंगाल टाइगर (Panthera tigris tigris)
भारतीय जंगलों का गर्व, बंगाल टाइगर, न केवल ताकत और साहस का प्रतीक है बल्कि भारत के वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों का जीवंत उदाहरण भी है. यह प्राचीन कथाओं और लोककथाओं में भी दिखता है. 1973 से इसे भारत का राष्ट्रीय पशु माना जाता है, और यह ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के माध्यम से पारिस्थितिक संतुलन और संरक्षण का संदेश देता है.
थाईलैंड – थाई हाथी (Elephas maximus indicus)
थाई हाथी सदियों से थाई संस्कृति और धर्म का हिस्सा रहा है. इसे पवित्र माना जाता है और यह ज्ञान, शांति और राजसी गरिमा का प्रतीक है. शाही जुलूसों और ऐतिहासिक युद्धों में इसका योगदान रहा है, और सफेद हाथी कभी थाई राजचिह्न का हिस्सा रहा करता था. बौद्ध धर्म और विरासत में इसका महत्व अद्वितीय है.
कनाडा – उत्तरी अमेरिकी ऊदबिलाव (Castor canadensis)
ऊदबिलाव अपनी मेहनत और लगन के लिए जाना जाता है. यह छोटे बाँध और घर बनाकर पर्यावरण में बदलाव लाता है. कनाडा की ऐतिहासिक अर्थव्यवस्था और उपनिवेशी विकास में इसका योगदान महत्वपूर्ण रहा. यह पशु देश की कड़ी मेहनत और अनुकूलनशीलता का प्रतीक है.
जापान – हरा तीतर (Phasianus versicolor)
जापान का यह अनोखा पक्षी अपनी चमकीली हरी पंखों वाली सुंदरता के लिए मशहूर है. इसे देवताओं का दूत माना जाता है और यह लोककथाओं तथा शिंटो पौराणिक कथाओं में भी मिलता है. तीतर सतर्कता, गरिमा और प्राकृतिक संतुलन का प्रतीक है.
ऑस्ट्रेलिया – लाल कंगारू (Macropus rufus)
ऑस्ट्रेलिया की पहचान, लाल कंगारू, ताकत और आगे बढ़ने की क्षमता का प्रतीक है. इसकी अनोखी चाल सिर्फ आगे कूदना ऑस्ट्रेलियाई जीवन दर्शन का प्रतीक बन गई है. यह मुद्रा और राष्ट्रीय प्रतीकों पर भी दिखाई देता है और ऑस्ट्रेलिया की वैश्विक पहचान का मजबूत चिन्ह है.
एस्वातिनी – शेर और हाथी
एस्वातिनी के दो राष्ट्रीय पशु हैं. शेर राजा और वीरता का प्रतीक है, जबकि हाथी शक्ति और राजमाता का प्रतीक. ये दोनों जानवर देश के राजचिह्न पर दिखाई देते हैं और द्वैध राजशाही राजा और राजमाता को दर्शाते हैं.
नॉर्वे – मूस (Alces alces)
मूस, यूरोप के सबसे बड़े स्थलीय स्तनधारियों में से एक, नॉर्डिक जंगलों का अनमोल निवासी है. यह एकांत, शक्ति और प्रकृति के साथ गहरे जुड़ाव का प्रतीक है. नॉर्वे में मूस से जुड़े सड़क चिन्ह और स्मृति चिन्ह पर्यटकों के लिए बेहद लोकप्रिय हैं.
न्यूज़ीलैंड – कीवी (Apterygidae)
न्यूज़ीलैंड का निशाचर, उड़ान विहीन कीवी पक्षी देश की पहचान और विशिष्टता का प्रतीक है. इसकी तेज़ सूंघने की क्षमता और नाज़ुक प्रकृति संरक्षण प्रयासों का संदेश देती है. कीवी का नाम न्यूज़ीलैंडवासियों के लिए आत्मसम्मान और देशभक्ति की भावना भी दर्शाता है.
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