Home > विदेश > पहली महिला मुख्य न्यायाधीश और अब नेपाल की अंतरिम नेता, जाने आखिर कौन हैं सुशीला कार्की?

पहली महिला मुख्य न्यायाधीश और अब नेपाल की अंतरिम नेता, जाने आखिर कौन हैं सुशीला कार्की?

Who is Sushila Karki: कार्की ने 2016 में नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनकर इतिहास रच दिया था. अब नेपाल के युवाओं ने उन्हें अपना अंतरिम नेता चुना है।

By: Shubahm Srivastava | Published: September 10, 2025 8:00:56 PM IST



Sushila Karki: पिछले कुछ घण्टों में भारत के पड़ोसी देश नेपाल में Gen Z प्रोटेस्ट ने वहां पर सब कुछ बदल कर रख दिया है। सोशल मीडिया बैन के बाद वहां पर शुरू हुआ प्रोटेस्ट कुछ ही समय में हिंसा में बदल गया और देखते-देखते राजधानी काठमांडू की सड़क जलने लगीं।

हाल ये हो गया कि पहले पीएम केपी शर्मा ओली और फिर राष्ट्रपति को इस्तीफा देना पड़ा। सामने आ रही जानकारी के मुताबिक केपी शर्मा ओली फिलहाल अपनी जान बचाकर दूबई भाग गए हैं। वहीं हालात पर काबू पाने के लिए नेपाली सेना ने मोर्चा संभाला हुआ है।

वहीं अब खबर सामने आ रही है कि अब वहां पर नेपाल के युवाओं ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अपना अंतरिम नेता चुना है।

नेपाल के युवाओं ने सुशीला कार्की को चुना अपना अंतरिम नेता

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक लगभग चार घंटे चली एक वर्चुअल बैठक में, युवा आयोजकों ने इस बात पर सहमति जताई कि राजनीतिक दलों से जुड़े किसी भी युवा को यह पद नहीं लेना चाहिए और आगामी वार्ताओं में उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए कार्की को चुना गया।

अंतरिम नेता का चुनाव ऐसे समय में हुआ है, जब काठमांडू में उग्र प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों, राजनेताओं के घरों और यहाँ तक कि संसद को आग के हवाले करने के बाद व्यवस्था बहाल करने के लिए सैनिकों को तैनात किया गया है। वहीं अभी तक की हुई हिंसा में मौत का आकड़ा 20 के ऊपर जा चुका है। वहीं सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं।

कौन हैं सुशीला कार्की?

सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को विराटनगर में हुआ था. सात भाई-बहनों में सबसे बड़ी कार्की ने क़ानून की पढ़ाई के बाद 1979 में विराटनगर में वकालत शुरू की. 1985 में, उन्होंने महेंद्र मल्टीपल कैंपस, धरान में सहायक शिक्षिका के रूप में भी अपनी सेवा दी. साल 2007 में वे वरिष्ठ अधिवक्ता बनीं.

कार्की ने 2016 में नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनकर इतिहास रच दिया था. लेकिन अगले ही साल उनका कार्यकाल छोटा पड़ गया जब सांसदों ने उन पर पक्षपातपूर्ण फ़ैसले देने और कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में दखल देने का आरोप लगाते हुए महाभियोग प्रस्ताव दायर किया. यह प्रस्ताव उनकी अदालत द्वारा सरकार के पुलिस प्रमुख की नियुक्ति को रद्द करने के फ़ैसले के बाद आया था, जिसमें कहा गया था कि वरिष्ठता को अनुचित रूप से दरकिनार किया गया था.

हालांकि जांच जारी रहने तक उन्हें स्वतः ही निलंबित कर दिया गया था, लेकिन जून 2017 में उनकी सेवानिवृत्ति से पहले महाभियोग प्रक्रिया आवश्यक दो-तिहाई बहुमत हासिल करने में विफल रही.

पति नेपाली कांग्रेस के एक बड़े नेता

कार्की का विवाह दुर्गा प्रसाद सुवेदी से हुआ है, जिनसे उनकी मुलाकात बनारस में पढ़ाई के दौरान हुई थी. सुवेदी उस समय नेपाली कांग्रेस के एक प्रसिद्ध युवा नेता थे और पंचायती राज के खिलाफ चल रहे आंदोलनों में सक्रिय थे. उनका नाम एक विमान अपहरण मामले में भी आया था.

Nepal Gen-Z Protest: 18 जेलों से फुर्र हो गए से 6 हज़ार से ज़्यादा कैदी, नेपाली सेना के छूटे पसीने

Advertisement