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कौन हैं khashoggi? व्हाइट हाउस में ट्रंप ने क्यों किया Saudi Crown Prince का बचाव?

Donald Trump: ट्रंप ने व्हाइट हाउस में सऊदी क्राउन प्रिंस का स्वागत करते हुए खशोगी हत्या पर उनका बचाव किया और सऊदी अरब के 1 ट्रिलियन डॉलर निवेश वादे की तारीफ की, जबकि प्रिंस ने हत्या को बड़ी गलती बताया.

By: sanskritij jaipuria | Published: November 19, 2025 11:22:13 AM IST



Who is khashoggi: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 18 नवंबर 2025 को व्हाइट हाउस में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का शानदार स्वागत किया. इस दौरान ट्रंप ने न केवल प्रिंस सलमान का खुलकर बचाव किया, बल्कि सऊदी अरब की ओर से किए गए बड़े निवेश वादे की भी सराहना की.

व्हाइट हाउस पहुंचने पर प्रिंस सलमान को घोड़ों पर सवार सैनिकों की परेड और एफ-35 लड़ाकू विमानों की उड़ान के साथ स्वागत दिया गया. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका जल्द ही ये विमान सऊदी अरब को बेचने वाला है. बातचीत की शुरुआत में ट्रंप ने प्रिंस सलमान के मानवाधिकार रिकॉर्ड की तारीफ की और माहौल हल्का रखने की कोशिश की.

खशोगी की हत्या पर ट्रंप का रुख

ट्रंप ने 2018 में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या को ‘ऐसी चीजें हो जाती हैं’ कहकर टालने की कोशिश की. उन्होंने खशोगी को ‘बहुत विवादित’ व्यक्ति बताया. एक पत्रकार द्वारा हत्या से जुड़े सवाल पूछने पर ट्रंप नाराज हो गए और कहा कि इस तरह के सवाल पूछकर प्रिंस सलमान को शर्मिंदा किया जा रहा है. ट्रंप ने दावा किया कि प्रिंस सलमान को इस घटना के बारे में कुछ पता नहीं था, जबकि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की रिपोर्टें अलग संकेत देती रही हैं.

प्रिंस सलमान की प्रतिक्रिया

प्रिंस सलमान ने खशोगी की हत्या को बहुत बड़ी गलती कहा और दावा किया कि इस मामले की पूरी तरह जांच की जा चुकी है. इसके बाद उन्होंने ट्रंप को खुश करने वाला ऐलान किया उन्होंने कहा कि पहले किए गए 600 अरब डॉलर के निवेश वादे को बढ़ाकर अब 1 ट्रिलियन डॉलर कर दिया गया है.

Who is khashoggi: जमाल खशोगी कौन थे?

जमाल खशोगी अमेरिका में रहने वाले जाने-माने सऊदी पत्रकार थे. उन्होंने सोवियत-अफगान युद्ध, ओसामा बिन लादेन और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर रिपोर्टिंग की. 2 अक्टूबर 2018 को वे अपने दस्तावेज लेने के लिए इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में गए, जहाx उनकी हत्या कर दी गई. उनकी मौत के बाद ये सवाल उठा कि हत्या कैसे हुई और इसके पीछे कौन लोग थे. सऊदी अधिकारियों ने इसे बागी एजेंटों द्वारा की गई गलती बताया, जबकि तुर्की अधिकारियों ने कहा कि ये आदेश उच्च लेवल से आया था.

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