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इस शहर में छाया अंधेरा, अब 64 दिन बाद दिखेगा सूरज, जानें- कैसे कटते हैं लोगों के दिन?

जरा सोचिए अगर आपका शहर दिन-रात एक जैसा हो तो आपको कैसा लगेगा. मतलब रात के अंधेरे के बाद कभी सुबह हो ही न. सुनने में अजीब है लेकिन ऐसा सच में होता है. आइए जानते हैं कि ये कहा होता है और वहां के लोग कैसे जीते हैं-

By: sanskritij jaipuria | Last Updated: November 21, 2025 11:45:41 AM IST



क्या आपने कभी सोचा है कि आप रात के अंधेरे में सोएं और सुबह जब उठें तो आपको उजाला न मिले बल्कि वहीं रात का अंधेरा दिखाई दे. सुनकर अजीब लगता है, पर दुनिया में कुछ जगहें ऐसी हैं जहां ये हर साल सच में होता है. इन इलाकों में कई-कई दिनों तक सूरज उगता ही नहीं. आइए बताते हैं आपको की ऐसा कहां पर होता है.

किस शहर में 64 दिन नहीं दिखेगा सूरज

अमेरिका के बेहद उत्तरी हिस्से में बसे अलास्का के उट्कियाग्विक (Utqiagvik) नाम के शहर में ऐसा ही नजारा है. यहां 2025 का सूरज अभी से डूब चुका है और अब अगले 64 दिन तक सूरज की एक भी किरण नजर नहीं आएगी. अगला सूर्योदय अब 22 जनवरी 2026 को होगा.

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी अपने अक्ष पर लगभग 23.5 डिग्री झुकी हुई है. यही झुकाव इस शहर को आर्कटिक सर्कल के उस हिस्से में ले जाता है जहां सर्दियों में महीनों तक सूरज नहीं उगता.

 क्या शहर पूरी तरह अंधेरे में रहता है?

नहीं, ये शहर बिल्कुल काला नहीं हो जाता. रोज कुछ घंटे सिविल ट्वाइलाइट मिलती है. यानी हल्की नीली-सी प्राकृतिक रोशनी. इसी की मदद से लोग बाहर निकलते हैं और अपना काम-काज करते हैं.

लगभग 4,400 लोगों का ये शहर फेयरबैंक्स से करीब 800 किमी दूर है. सूरज न उगने की वजह से तापमान तेजी से गिरने लगता है और हवा बेहद ठंडी व ड्राई हो जाती है. यही समय होता है जब पोलर वॉर्टेक्स भी मजबूत बनता है, जो कभी-कभी अमेरिका के दूसरे हिस्सों तक कड़ाके की ठंड भेज देता है.

 पोलर नाइट क्या है?

जो हाल अभी उट्कियाग्विक में है, उसे पोलर नाइट कहा जाता है. पोलर नाइट का मतलब होता है जब सूरज 24 घंटे या उससे भी ज्यादा समय तक नहीं दिखे. पृथ्वी के झुकाव के कारण आर्कटिक इलाका सर्दियों में सूरज की सीधी रोशनी से दूर हो जाता है और इसी वजह से यहां लगातार रात बनी रहती है.

हालांकि, ये रात पूरी तरह काली नहीं होती. दिन में कुछ देर आकाश में हल्की नीली चमक दिखती है यही सिविल ट्वाइलाइट है. इस मौसम की सबसे खूबसूरत चीज है नॉर्दर्न लाइट्स (औरौरा). आसमान में नाचती रंग-बिरंगी रोशनी अंधेरे को बेहद खूबसूरत बना देती है.

गर्मियों में कहानी उलटी हो जाती है

अद्भुत बात ये है कि जिस जगह सर्दियों में 64 दिनों तक सूरज नहीं उगता, वहीं गर्मियों में लगभग तीन महीनों तक सूरज डूबता ही नहीं. लगातार दिन के उजाले में लोगों की दिनचर्या पूरी तरह बदल जाती है.

जैसे ही शहर लंबी अंधेरी रात में प्रवेश करता है, लोग नॉर्दर्न लाइट्स का आनंद लेते हैं, आर्टिफिशियल रोशनी का इस्तेमाल करते हैं और धीरे-धीरे अगले सूर्योदय का इंतजार शुरू कर देते हैं.

प्रकृति का कमाल

उट्कियाग्विक की ये अनोखी दिन-रात की यात्रा हमें याद दिलाती है कि पृथ्वी का झुकाव हमारे मौसम, रोशनी और जीवन पर कितना गहरा असर डालता है. ये नेचर का ऐसा अद्भुत रूप है जिसे देखने के लिए दुनिया भर से लोग यहां आते हैं और ये सच में काफी सुंदर नजारा है.

 

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