London Anti Immigration Protest: ब्रिटेन में इमिग्रेशन के खिलाफ भड़की आंदोलन की आग ने विकराल रूप ले लिया है. शनिवार को लंदन में एंटी इमिग्रेशन कार्यकर्ता टॉमी रॉबिन्सन (tommy robinson) के नेतृत्व में लाखों लोग सड़कों पर उतर आए. इस बीच, अरबपति कारोबारी एलन मस्क (elon musk) ने भी आग में घी डालने का काम किया है. उन्होंने कहा कि अब ब्रिटेन में सत्ता परिवर्तन की जरूरत है. प्रदर्शनकारियों के पास दो ही विकल्प हैं, लड़ो या मर जाओ.
एलन मस्क ने क्या कहा? (What did Elon Musk say?)
एलन मस्क (Elon Musk) ने कहा कि ब्रिटेन का पतन शुरू हो चुका है और आने वाले समय में यह पूरे देश के विनाश का कारण बनेगा. उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर हो रहे प्रवास के कारण ब्रिटेन में संकट पैदा हो रहा है. उन्होंने कहा कि बड़ी हिंसा होने वाली है. ऐसे में प्रदर्शनकारियों के पास लड़ने या मरने का ही विकल्प है.
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि मेरा संदेश है कि हिंसा की आग आप तक जरूर पहुंचेगी. ऐसे में आपको लड़ना ही होगा. आप चाहें या न चाहें, हिंसा तो होगी ही.
कीर स्टारमर की सरकार गिराने की जरूरत (Keir Starmer)
इसके अलावा, एलन मस्क ने कहा कि मुझे लगता है कि अब कीर स्टॉर्मर (Keir Starmer) के नेतृत्व वाली लेबर सरकार को गिराने की जरूरत है. आपके पास चार साल का समय नहीं है. आगामी चुनावों में अभी काफ़ी समय है. पहले ही कुछ होना चाहिए. संसद भंग कर दोबारा मतदान होना चाहिए. मस्क ने कहा कि हमारे दोस्त चार्ली किर्क (Charlie Kirk) की हत्या कर दी गई और वामपंथी इसका जश्न मना रहे हैं. हमें एक पल रुककर सोचना होगा कि हिंसा रोकने का कोई रास्ता नहीं है. ऐसे में लड़ने के लिए तैयार रहना ही एकमात्र रास्ता है.
नेपाल की तरह ब्रिटेन में जाएगी सत्ता? (Will power go to Britain like Nepal?)
लंदन की इस रैली (London Rally) को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा का आह्वान बताया गया, लेकिन इस दौरान इमिग्रेशन का मुद्दा छाया रहा. प्रदर्शनकारियों को बार-बार ‘हमें अपना देश वापस चाहिए’ जैसे नारे लगाते हुए सुना गया. इसके अलावा, प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प की भी खबरें आईं.
रॉबिन्सन (Robinson) यूनाइटेड किंगडम में एक प्रमुख दक्षिणपंथी नेता हैं और इंग्लिश डिफेंस लीग (EDL) का नेतृत्व करते हैं जो मुख्य रूप से प्रवासन के मुद्दों से संबंधित है. आपको जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में नेपाल में दो दिवसीय आंदोलन ने वहां की वामपंथी सरकार को उखाड़ फेंका है. अब ब्रिटेन में हो रहे इस प्रदर्शन को भी नेपाल जैसा ही बताया जा रहा है.
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