Uae bought land in Israel: हमास और इज़राइल के बीच युद्धविराम (Israel hamas ceasefire)के बावजूद स्थिति स्थिर नहीं हो पाई है. एक के बाद एक हमले हो रहे हैं और गाजा में आग बुझने का नाम नहीं ले रही है. इस बीच मुस्लिम राष्ट्र, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने इज़राइल में ज़मीन खरीदी है. द जेरूसलम पोस्ट के अनुसार, यूएई ने इज़राइल के हर्ज़लिया में एक स्थायी दूतावास के लिए ज़मीन खरीदी है.
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने इज़राइल में अपना पहला स्थायी दूतावास (UAE Embassy in Israel) बनाने के लिए ज़मीन खरीदी है, जो 2020 में अब्राहम समझौते (Abraham Accords) के तहत स्थापित द्विपक्षीय संबंधों (UAE Israel bilateral relations) में एक नया अध्याय है. यह पहली बार है जब किसी खाड़ी देश ने इज़राइल में एक स्थायी राजनयिक सुविधा बनाने के लिए ज़मीन खरीदी है.
4 साल बाद लिया गया फैसला
इससे पहले यूएई ने इज़राइल के साथ संबंध सामान्य होने के बाद, किराए के कार्यालयों से अपना दूतावास संचालित किया था. जुलाई 2021 में अबू धाबी ने आधिकारिक तौर पर तेल अवीव स्टॉक एक्सचेंज भवन में अपना दूतावास खोला. इसके बाद एक स्थायी दूतावास के निर्माण के लिए ज़मीन खरीदी गई है. यह जानकारी रविवार को इज़राइल भूमि प्राधिकरण और हर्ज़लिया के मेयर द्वारा द जेरूसलम पोस्ट को दी गई. यह निर्णय चार साल बाद लिया गया. हर्ज़लिया के मेयर यारिव फ़िशर ने कहा, “हम इस बात का स्वागत करते हैं कि यूएई का दूतावास हर्ज़लिया में बनाया जाएगा.”
ज़मीन की कीमत क्या है?
उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने यूएई में इज़राइली राजदूत मोहम्मद अल खाजा से कई बार मुलाकात की और उन्हें दूतावास के लिए हर्ज़लिया चुनने के लिए प्रोत्साहित किया. “मुझे खुशी है कि हमारे प्रयास सफल रहे.” प्रसारक KAN सहित इज़राइली मीडिया ने बताया कि यह सौदा इज़राइल भूमि प्राधिकरण और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय द्वारा कराया गया था और इसकी अनुमानित कीमत करोड़ों शेकेल है, जो भारतीय रुपये में करोड़ों रुपये के बराबर है.
इज़राइल-यूएई संबंध
UAE का मिशन अब तक पट्टे पर ली गई जगह से संचालित होता रहा है. अब्राहम समझौते के तहत औपचारिक संबंध स्थापित होने के बाद, यूएई ने जुलाई 2021 में तेल अवीव स्टॉक एक्सचेंज भवन में अपना दूतावास खोला, जिससे वह इज़राइल में दूतावास स्थापित करने वाला पहला खाड़ी देश बन गया. तब से,दोनों देशों के बीच व्यापार, पर्यटन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में संबंध प्रगाढ़ हुए हैं, हालाँकि गाजा में युद्ध ने इन संबंधों की परीक्षा ली है.
गाजा में युद्ध जारी रहने के बावजूद मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात और इज़राइल के संबंधों पर कोई खास असर नहीं पड़ा है. यूएई ने गाजा युद्ध के बाद से इज़राइल में ज़मीन भी खरीदी है.
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गाजा युद्ध के बाद हालात
अक्टूबर 2023 में हमास के हमले के बाद इज़राइल ने गाजा पर बार-बार हमले किए. इस युद्ध के दौरान मुस्लिम देशों ने बार-बार इज़राइल की निंदा की. अबू धाबी ने भी अपने सहयोगी के कार्यों की कुछ आलोचना की.
संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्रालय ने सितंबर में चेतावनी दी थी कि अगर नेतन्याहू सरकार पश्चिमी तट के कुछ हिस्से या पूरे हिस्से पर कब्ज़ा कर लेती है, तो यह एक “रेड लाइन” होगी. इससे अब्राहम समझौते ख़तरे में पड़ सकते हैं और क्षेत्रीय एकीकरण के प्रयास प्रभावित हो सकते हैं.
हालांकि रॉयटर्स ने बाद में बताया कि खाड़ी देश संबंधों को पूरी तरह से तोड़ने पर विचार नहीं कर रहा है, बल्कि राजनयिक संबंधों को कम करने के विकल्पों पर विचार कर रहा है, जिसमें अपने राजदूत को वापस बुलाने की संभावना भी शामिल है.
संबंधों में तनाव तब भी देखा गया जब अबू धाबी ने नवंबर में दुबई एयरशो में इज़राइली रक्षा कंपनियों के भाग लेने पर रोक लगा दी. कुछ रिपोर्टों ने इसे सुरक्षा चिंताओं के कारण बताया जबकि अन्य ने इसे सितंबर में कतर पर इज़राइल के हमले से जोड़ा. यूएई उन कुछ अरब देशों में से एक है जो अभी भी इज़राइल के साथ आधिकारिक राजनयिक संबंध बनाए हुए हैं.

