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Trump Tariffs: भारत अच्छा पार्टनर नहीं है…ऐसा क्या हुआ कि एक बार फिर बिलबिला उठे डोनाल्ड ट्रंप, अब 24 घंटे वाली दी नई गीदड़भभकी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि वह अगले 24 घंटों में भारत से आयात पर टैरिफ को मौजूदा 25% की दर से "काफी" बढ़ा देंगे, क्योंकि भारत लगातार रूसी तेल खरीद रहा है।

By: Ashish Rai | Published: August 5, 2025 7:25:43 PM IST



Trump Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को धमकी देते हुए कहा कि वह टैरिफ में भारी बढ़ोतरी करेंगे। उन्होंने मंगलवार को कहा, “भारत रूस से सामान खरीद रहा है। वे युद्ध मशीन को ईंधन दे रहे हैं। हम 25 प्रतिशत पर सहमत हुए हैं, लेकिन मुझे लगता है कि मैं अगले 24 घंटों में इसे काफी बढ़ा दूँगा।”

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अगर भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया तो ट्रंप ने फिर दी धमकी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि वह अगले 24 घंटों में भारत से आयात पर टैरिफ को मौजूदा 25% की दर से “काफी” बढ़ा देंगे, क्योंकि भारत लगातार रूसी तेल खरीद रहा है। ट्रंप ने सीएनबीसी को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “वे युद्ध मशीन को ईंधन दे रहे हैं, और अगर वे ऐसा करने जा रहे हैं, तो मुझे खुशी नहीं होगी।”

उन्होंने आगे कहा कि भारत के साथ मुख्य समस्या यह है कि उसके टैरिफ बहुत ज़्यादा हैं। उन्होंने भारत के लिए किसी नई टैरिफ दर का खुलासा नहीं किया।

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से रूस से तेल खरीदना बंद करने को कहा था, लेकिन भारत ने ऐसा नहीं किया। ट्रंप ने इस पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने फिर से टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि भारत “भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है” और उसे “भारी मुनाफे” पर बेच रहा है।

ट्रंप ने सोमवार को कहा, “उन्हें इस बात की थोड़ी सी भी परवाह नहीं है कि रूसी युद्ध मशीन यूक्रेन में कितने लोगों की हत्या कर रही है।”

भारत ने करारा जवाब दिया

जवाबी कार्रवाई करते हुए, भारत ने रूसी कच्चा तेल खरीदने के लिए नई दिल्ली को “अनुचित और बेतुके” तरीके से निशाना बनाने के लिए अमेरिका और यूरोपीय संघ पर असामान्य रूप से तीखा प्रहार किया।

भारत ने इस मुद्दे पर उसे निशाना बनाने में दोहरे मानदंडों की ओर इशारा किया और कहा कि अमेरिका और यूरोपीय संघ दोनों रूस के साथ अपने व्यापारिक संबंध जारी रखे हुए हैं। विदेश मंत्रालय (MEA) ने सोमवार शाम कहा, “हमारे मामले के विपरीत, ऐसा व्यापार एक आवश्यक राष्ट्रीय दायित्व भी नहीं है।”

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यूरोप-रूस व्यापार में न केवल ऊर्जा, बल्कि उर्वरक, खनन उत्पाद, रसायन, लोहा और इस्पात, और मशीनरी और परिवहन उपकरण भी शामिल हैं।

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