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Britain Data Breach: ब्रिटेन की वजह से 1 लाख लोगों की जान को खतरा, उन्हीं के देश की सरकार उतारेगी उन्हें मौत के घाट…सामने आई रिपोर्ट से दुनिया में मचा हड़कंप

Britain Data Breach: डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सात दिनों में तीन हत्याएं भी हुई हैं - और मारे गए लोग ब्रिटेन से जुड़े थे। इसे ब्रिटेन के इतिहास की सबसे बड़ी डेटा चूक माना जा रहा है, जिससे करीब 1 लाख अफ़गानों की जान जोखिम में पड़ गई है।

By: Shubahm Srivastava | Published: July 19, 2025 6:59:32 PM IST



Britain Data Breach: ब्रिटेन की एक गलती की वजह से अफगानिस्तान में 1 लाख अफगानों की जान पर बन आई है। वहां की तालिबानी सरकार किसी भी वक्त इन लोगों को मौत के घाट उतार सकती है। और इसका जिम्मेदार ब्रिटेन की सरकार है।

असल में ब्रिटेन सरकार ने उन अफगान नागरिकों की गोपनीय लिस्ट ही गुम कर दी, जिन्होंने सालों तक ब्रिटिश सेना और खुफिया एजेंसियों के लिए काम किया था। और अब ऐसा माना जा रहा है कि वो लिस्ट तालिबान के हाथ लग गई है। इसकी वजह से उन लोगों की जान को खतरा है। 

डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सात दिनों में तीन हत्याएं भी हुई हैं – और मारे गए लोग ब्रिटेन से जुड़े थे। इसे ब्रिटेन के इतिहास की सबसे बड़ी डेटा चूक माना जा रहा है, जिससे करीब 1 लाख अफ़गानों की जान जोखिम में पड़ गई है।

मेरे भाई की कर दी हत्या – अफगान सैनिक 

खबरों के मुताबिक, खुद ब्रिटेन भागकर आए एक अफगान सैनिक का कहना है कि मेरे भाई की हत्या इसलिए की गई क्योंकि तालिबान को पता था कि मैं ब्रिटेन से जुड़ा हूँ। अगर तालिबान को पूरी सूची मिल गई है, तो हत्याएँ और बढ़ेंगी। और इसके लिए पूरी तरह से ब्रिटेन ही ज़िम्मेदार होगा।

डेली मेल की खबर की मानें तो अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि तालिबान को पूरी सूची मिली है या नहीं, लेकिन जिस तरह से ब्रिटेन के मददगारों को निशाना बनाया जा रहा है, उससे शक गहराता जा रहा है।

ब्रिटिश सेना की मदद करने वालों को बनाया जा रहा निशाना

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने 300 से ज़्यादा हत्याओं की सूची देखी है। उनके अनुसार, इनमें उन लोगों के नाम भी शामिल हैं जिन्होंने ब्रिटेन की अफ़ग़ान पुनर्वास योजना (ARAP) के लिए आवेदन किया था। उदाहरण के लिए, ब्रिटिश सेना में काम कर चुके कर्नल शफ़ीर अहमद ख़ान की मई 2022 में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कमांडो अहमदज़ई और सैनिक कासिम, दोनों अप्रैल 2023 में मारे गए थे।

ब्रिटेन ने मदद करने वालों को छोड़ा मरने के लिए

रिपोर्ट्स में ब्रिटिश सरकार के इस ऑपरेशन रूबिक के बारे में भी बताया गया है, जिसके तहत अगस्त 2023 से अब तक एक गुप्त निकासी अभियान चलाकर 18,500 अफ़गानों को ब्रिटेन लाया गया। कुल 23,900 लोगों को लाने की योजना है। लेकिन लगभग 75,000 अफ़गान अभी भी वहीं फंसे हुए हैं। इन लोगों को सिर्फ़ ‘सुरक्षा संबंधी सुझाव’ देकर छोड़ दिया गया।

ब्रिटिश सरकार ने इस पूरे मामले को दबा दिया। डेली मेल ने दो साल तक अदालत में लड़ाई लड़ी और तब जाकर यह जानकारी सार्वजनिक हो सकी। अब ब्रिटिश संसद में हंगामा मचा हुआ है।

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