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Operation Sindoor: भारत के पास थे ‘अदृश्य युद्धा’, PAK के रडार नहीं लगा पाए पता… अमेरिकी पायलट का अब तक का सबसे बड़ा खुलासा

Rafale In Operation Sindoor : रयान बोडनहाइमर ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर मिशन की जान राफेल फाइटर जेट में लगा X-Guard डिकॉय सिस्टम था, जो एक इलेक्ट्रॉनिक धोखे का औजार है और इसने दुश्मन की आंखों के सामने उसे ही अंधा बना दिया।

By: Shubahm Srivastava | Published: July 9, 2025 6:02:19 PM IST



Rafale In Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय नौसेना ने अपने अत्याधुनिक युद्ध कौशल और तकनीकी कौशल से पाकिस्तान को ऐसा ज़ख्म दिया कि उसे भरने में सदियाँ लग जाएँगी। चार दिनों तक चले इस संघर्ष में उसने ऐसा कारनामा कर दिखाया जिसकी अब पूरी दुनिया में तारीफ़ हो रही है। इसी संदर्भ में, पूर्व अमेरिकी F-15E और F-16 पायलट रयान बोडेनहाइमर ने इसे “अब तक का सबसे बेहतरीन छलावा और धोखा” कहा है।

दरअसल, संघर्ष के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली को पूरी तरह से चकमा दे दिया और न सिर्फ़ रडार को चकमा दिया, बल्कि दुश्मन की मिसाइलों और उन्नत लड़ाकू विमानों को भी गुमराह कर दिया, जो कतई आसान नहीं है।

दुश्मन को बना दिया अंधा

रयान बोडनहाइमर ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर मिशन की जान राफेल फाइटर जेट में लगा X-Guard डिकॉय सिस्टम था, जो एक इलेक्ट्रॉनिक धोखे का औजार है और इसने दुश्मन की आंखों के सामने उसे ही अंधा बना दिया। 

क्या है राफेल का X-Guard?

रिपोर्ट के अनुसार, X-Guard एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित टोड डिकॉय है, जो राफेल जेट के पीछे 100 मीटर लंबी फाइबर-ऑप्टिक केबल से जुड़ा है। इसका वज़न सिर्फ़ 30 किलोग्राम है और यह डिकॉय अपनी 500 वाट की 360-डिग्री जैमिंग क्षमता से दुश्मन के रडार को भ्रमित कर देता है, वह भी इतनी चतुराई से कि दुश्मन असली और नकली जेट में फ़र्क़ ही नहीं कर पाता।

एक्स-गार्ड का सबसे बड़ा हथियार इसकी एआई-संचालित स्पूफिंग तकनीक है। यह डिकॉय राफेल की रडार इमेज, गति (डॉपलर शिफ्ट) और गति की हूबहू नकल करता है, जिससे दुश्मन का एईएसए रडार या मिसाइल होमिंग सिस्टम इसे असली जेट समझ लेता है। फाइबर-ऑप्टिक लिंक के कारण, यह सिस्टम पायलट से लगातार संपर्क बनाए रखता है और इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग से सुरक्षित रहता है।

पाकिस्तान की PL-15E मिसाइलें राफेल के आगे हुई बेबस

रयान बोडेनहाइमर के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने एक्स-गार्ड का बेहतरीन इस्तेमाल किया। दरअसल, पाकिस्तान की पीएल-15ई मिसाइलों में मज़बूत स्पूफिंग का मुकाबला करने की क्षमता नहीं है। जिसके चलते वे राफेल लड़ाकू विमानों के सामने पूरी तरह से असहाय नज़र आए।

एक्स-गार्ड ने पाकिस्तान की चीनी मिसाइलों और पाकिस्तान के जे-10सी लड़ाकू विमानों के एईएसए रडार को गलत दिशा में भेज दिया, जिससे वे परछाईं का पीछा करने लगे। इसीलिए पाकिस्तान ने शुरुआत में कई भारतीय विमानों को मार गिराने का दावा किया, लेकिन असल में उसने एक्स-गार्ड को निशाना बनाया होगा और उसे यह भ्रम हो गया होगा कि उसने भारतीय विमानों को मार गिराया है।

रयान बोडेनहाइमर ने आगे कहा कि एक्स-गार्ड को 2 सेकंड से भी कम समय में तैनात किया जा सकता है और दोबारा इस्तेमाल भी किया जा सकता है। यह छद्म लड़ाकू विमान के विंगमैन की तरह काम करता है, यानी एक सक्रिय छद्म साथी जो लड़ाई के दौरान दुश्मन का ध्यान अपनी ओर खींचता है। इससे भारत की इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताएं उस स्तर पर पहुंच गई हैं, जहां अब युद्ध सिर्फ हथियारों से नहीं, बल्कि डेटा और भ्रम से भी लड़े जाएंगे।

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