Putin India Visit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर में भारत की यात्रा पर आएंगे। इस बात की पुष्टि क्रेमलिन की तरफ से की गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूसी तेल की खरीद के कारण भारतीय आयात पर टैरिफ लगाए जाने के बाद रूसी राष्ट्रपति का ये दौरा कई मायनों में दोनों देशों के लिए काफी अहम होने वाली है।
क्रेमलिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने एएफपी सहित पत्रकारों को बताया कि पुतिन सोमवार को चीन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे, जहां वो दिसंबर की यात्रा की तैयारी पर चर्चा करेंगे।
यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने के बाद उठाया गया है, जिसमें नई दिल्ली द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद को इस दंडात्मक उपाय का कारण बताया गया है।
ट्रंप ने भारत पर लगाए आरोप
ट्रंप ने भारत पर रूसी कच्चे तेल की कम कीमतों से मुनाफा कमाने का आरोप लगाते हुए लिखा है, “भारत न सिर्फ भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि खरीदे गए ज़्यादातर तेल को खुले बाजार में भारी मुनाफे पर बेच भी रहा है। उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं कि यूक्रेन में रूसी युद्ध मशीन कितने लोगों की जान ले रही है।”
अमेरिका ने ज़ोर देकर कहा है कि भारत पर दंडात्मक शुल्क मास्को पर यूक्रेन में अपना आक्रमण बंद करने के लिए दबाव डालने के अभियान का हिस्सा है। भारत ने रूस से अमेरिका और यूरोप के आयात का हवाला देते हुए इस कदम को “अनुचित, अनुचित और अविवेकपूर्ण” बताया है।
⚡️🇮🇳🇷🇺 PUTIN TO VISIT INDIA IN DECEMBER – KREMLIN AIDE pic.twitter.com/RHAsYkXnvu
— Sputnik India (@Sputnik_India) August 29, 2025
रूस के साथ खड़े चीन-भारत
फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगी रूस की निर्यात आय में कटौती करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मास्को ने ऊर्जा बिक्री को यूरोप से हटाकर भारत और चीन जैसे देशों की ओर मोड़ दिया है, जिससे अरबों डॉलर का धन प्रवाह जारी रहा है।
ट्रंप-पुतिन की हुई मुलाकात
इस महीने की शुरुआत में, पुतिन ने यूक्रेन युद्ध पर अलास्का में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी बैठक के बारे में अपना आकलन साझा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फ़ोन किया था। प्रधानमंत्री ने कूटनीति और बातचीत के माध्यम से संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत की दृढ़ स्थिति को रेखांकित किया।
दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उद्देश्य से द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर भी चर्चा की।
भारत-चीन के रिश्ते को लेकर PM मोदी ने कह दी ऐसी बात, उड़ जाएगी Donald Trump की नींद