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रूस ने दुनिया को दिखाई अपनी ताकत, Putin के शैतान को देख US-NATO समेत सभी के उड़े होश…जाने भारत से क्या है इसका कनेक्शन?

Cruiser Admiral Nakhimov: अलास्का में पुतिन और ट्रंप की मुलाकात के कुछ ही दिनों बाद रूस ने एक बार फिर दुनिया को अपनी ताकत दिखाई है। दरअसल, रूस ने 28 साल बाद श्वेत सागर में किरोव श्रेणी के क्रूजर एडमिरल नखिमोव का परीक्षण शुरू कर दिया है। बता दें कि यह सबसे बड़े और सबसे भारी हथियारों से लैस युद्धपोतों में से एक है।

By: Shubahm Srivastava | Published: August 21, 2025 5:14:46 PM IST



Cruiser Admiral Nakhimov: अलास्का में पुतिन और ट्रंप की मुलाकात के कुछ ही दिनों बाद रूस ने एक बार फिर दुनिया को अपनी ताकत दिखाई है। दरअसल, रूस ने 28 साल बाद श्वेत सागर में किरोव श्रेणी के क्रूजर एडमिरल नखिमोव का परीक्षण शुरू कर दिया है।

बता दें कि यह सबसे बड़े और सबसे भारी हथियारों से लैस युद्धपोतों में से एक है। खबरों के मुताबिक, यह रूसी युद्धपोत जुलाई के आखिरी हफ्ते में समुद्र में उतरा था और इस समय कई तरह के परीक्षणों से गुजर रहा है।

एडमिरल नखिमोव की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह रूसी वायु रक्षा प्रणाली एस-400 का इस्तेमाल करने वाला पहला युद्धपोत है। आपको बता दें कि इस जहाज पर एस-400 की तीन बटालियन तैनात हैं। 28,000 टन के युद्धपोत की मारक क्षमता क्रूजर एडमिरल नखिमोव को खास बनाती है।

 80 क्रूज मिसाइलें को साथ लेकर चलता है एडमिरल नखिमोव

मिलिट्री वॉच पत्रिका के अनुसार, इस रूसी युद्धपोत में 80 क्रूज़ मिसाइलों का ज़खीरा है। इनमें 3M14T कलिब्र जैसी मिसाइलें भी शामिल हैं। बता दें कि इनका इस्तेमाल 2500 किलोमीटर दूर तक ज़मीन पर सटीक हमले करने के लिए किया जा सकता है। इसमें नई ज़िरकोन जैसी एंटी-शिप मिसाइलें भी शामिल हैं। इनकी गति 9 मैक तक है। इसके प्रक्षेपण कक्ष का एक बड़ा हिस्सा (176 में से 96) S-400 लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली के नौसैनिक संस्करण को समायोजित करने के लिए है।

एडमिरल नखिमोव की ताकत

आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी वायुसेना की कमर तोड़ने वाला एस-400 उसकी ताकत को काफी बढ़ा देता है। एडमिरल नखिमोव एस-400 का इस्तेमाल करने वाला पहला युद्धपोत है। खबरों के मुताबिक, यह क्रूजर एस-400 प्रणाली की तीन बटालियन ले जा सकता है, जो ज्यादातर देशों की लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के कुल शस्त्रागार से भी ज़्यादा है। भूमि-आधारित प्रणाली के रूप में निर्यात करने पर इसकी कीमत 1.6 अरब डॉलर है।

इसके अलावा एडमिरल नखिमोव मैक 8 तक की गति से उड़ने वाली हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी मार गिराने में सक्षम है, जबकि मिसाइल स्वयं मैक 14 से अधिक की गति से उड़ती है। एस-400 प्रणाली की 40एन6 और अन्य मिसाइलों का रूस-यूक्रेन युद्ध में गहन युद्ध परीक्षण किया जा चुका है। इसके अलावा भविष्य में इन युद्धपोतों में  S-500 और S-550 जैसे हाईटेक सिस्टम से भी लेस करने की संभावनाएं जताई गई हैं। 

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