PM Modi Japan Visit: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को चंद्रयान-5 मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जाक्सा) के बीच सहयोग की घोषणा की। PM मोदी ने कहा कि हम चंद्रयान-5 मिशन के लिए इसरो और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जाक्सा) के बीच सहयोग का स्वागत करते हैं। हमारी सक्रिय भागीदारी पृथ्वी की सीमाओं से आगे बढ़ गई है और अंतरिक्ष में मानव जाति की प्रगति का प्रतीक बनेगी।
भारत और जापान अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच सहयोग की घोषणा
प्रधानमंत्री मोदी ने टोक्यो में अपने जापानी समकक्ष शिगेरु इशिबा के साथ वार्ता के बाद एक संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान भारती और जापानी अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच सहयोग की घोषणा की। उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री इशिबा से मुलाकात के बाद कहा अपने अगले दशक के लिए सहयोगी रोडमैप तैयार करने की बात कही। उन्होंने कहा यह चर्चा उपयोगी और उद्देश्यपूर्ण रही।
उन्होंने कहा कि दोनों इस बात पर सहमत हुए कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और जीवंत लोकतंत्रों के रूप में हमारी साझेदारी न केवल हमारे दोनों देशों के लिए, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इशिबा के साथ आए मोदी ने अपने मीडिया वक्तव्य में कहा कि हमने अगले 10 वर्षों में जापान से भारत में 10 ट्रिलियन येन निवेश करने का लक्ष्य रखा है।
दोनों देशों ने 10 वर्षीय रोडमैप तैयार किया
29 सिंबतर की सुबह प्रधानमंत्री टोक्यो पहुँचे। यहाँ उन्होंने कहा- भारत-जापान सहयोग वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है और दोनों पक्षों ने साझेदारी में एक “नए और सुनहरे अध्याय” की मज़बूत नींव रखी है। PM मोदी ने कहा- हमने निवेश, नवाचार और आर्थिक सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में सहयोग के लिए 10 वर्षीय रोडमैप तैयार किया है।
आपसी सहयोग को मज़बूत करने पर ज़ोर
अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और जापान एक स्वतंत्र, खुले, शांतिपूर्ण, समृद्ध और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। दोनों पक्षों ने रक्षा उद्योग और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग को और मज़बूत करने का भी निर्णय लिया।
मोदी ने कहा कि आतंकवाद और साइबर सुरक्षा को लेकर भारत और जापान की चिंताएँ समान हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा और समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने में दोनों पक्षों के साझा हित हैं।
उन्होंने कहा कि भारत-जापान साझेदारी आपसी विश्वास पर आधारित है, हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को दर्शाती है और हमारे साझा मूल्यों और विश्वासों से आकार लेती है। उन्होंने कहा, “एक बेहतर दुनिया के निर्माण में मज़बूत लोकतंत्र स्वाभाविक साझेदार होते हैं।” अपने संबोधन में, जापानी प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों को अगली पीढ़ी की चुनौतियों से निपटने के लिए एक-दूसरे की क्षमताओं का लाभ उठाने की आवश्यकता है।

