PAK On Kashmir Dispute: भारत से हर बार मात खाने के बावजूद पड़ोसी देश पाकिस्तान के मन से कश्मीर का भूत नहीं उतर रहा है। एक बार फिर पाकिस्तान ने दुनिया के सामने कश्मीर का मुद्दा उठाया है और इस मुद्दे पर मध्यस्थता की बात कही है।
शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि पाकिस्तान न केवल अमेरिका से, बल्कि किसी भी देश से मदद का स्वागत करेगा जो कश्मीर विवाद को सुलझाने और स्थिति को स्थिर करने में मदद कर सके। शफकत अली खान ने कहा कि यह विवाद दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा के मुद्दों के केंद्र में है।
अमेरिका के साथ खनिज डील को किया खारिज
पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवाद पर बोलते हुए, ख़ान ने कहा कि अफगानिस्तान से फैल रहे आतंकवाद का मुद्दा कई बार उठाया गया है। उन्होंने खनिज निकालने के लिए अमेरिका के साथ किसी गुप्त समझौते की खबरों को खारिज किया और यूक्रेन संघर्ष में पाकिस्तानी नागरिकों की संलिप्तता के आरोपों को “निराधार” बताया। ख़ान ने कहा कि यूक्रेनी अधिकारियों ने इस मुद्दे पर पाकिस्तान से औपचारिक रूप से संपर्क नहीं किया है।
भारत का रुख स्पष्ट, तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं
कश्मीर मुद्दे पर भारत का रुख शुरू से ही स्पष्ट रहा है। भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत में किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी नहीं चाहता। 1972 के शिमला समझौते में भी दोनों देशों के बीच किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को अस्वीकार कर दिया गया था।
भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह पाकिस्तान के साथ केवल पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) की वापसी और आतंकवाद के मुद्दे पर ही बातचीत करेगा। आपको बता दें कि मई में ऑपरेशन सिंदूर के बाद से दोनों देशों के बीच कोई आपसी संपर्क नहीं है।

