Afghan Refugees: पाकिस्तान सरकार ने अफ़ग़ान शरणार्थियों को लेकर एक बड़ा फ़ैसला लिया है। पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नक़वी का कहना है कि सरकार अफ़ग़ान शरणार्थियों के पंजीकरण प्रमाण (पीओआर) की वैधता अवधि नहीं बढ़ाएगी। शनिवार को एक मीडिया रिपोर्ट के ज़रिए यह जानकारी दी गई।
मंत्री नक़वी ने कहा कि जिन अफ़ग़ान शरणार्थियों को अब पाकिस्तान से निर्वासित किया जा रहा है, उन्हें दोबारा पाकिस्तान में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। उन्हें काली सूची में डाल दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह एक व्यापक राष्ट्रीय नीति परिवर्तन का हिस्सा है।
पाकिस्तान में अफ़ग़ान शरणार्थी
जानकारी के अनुसार, इस समय पाकिस्तान में 13 लाख से ज़्यादा अफ़ग़ान शरणार्थी हैं, जिनके पास संयुक्त शरणार्थी उच्चायोग और पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी पीओआर कार्ड हैं। ये कार्ड उन्हें पाकिस्तान में रहने के लिए अस्थायी कानूनी दर्जा प्रदान करते हैं। इन कार्डों की वैधता 30 जून को समाप्त हो गई थी, जिससे अफ़ग़ान शरणार्थियों के लिए यह चिंता का विषय बना हुआ है।
अवैध विदेशियों को निकालने वाला अभियान
पाकिस्तान ने देश से सभी अवैध विदेशियों को निकालने के लिए 2023 में एक अभियान शुरू किया था। लेकिन उनका पूरा ध्यान अफ़ग़ान शरणार्थियों को देश से निकालने पर है। अधिकारियों ने बताया कि अब तक 11 लाख से ज़्यादा विदेशी शरणार्थियों को देश से निकाला जा चुका है, जिनमें से 8 लाख से ज़्यादा सिर्फ़ अफ़ग़ान शरणार्थी हैं।
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PoR कार्ड क्या है?
पंजीकरण प्रमाण (PoR) कार्ड एक प्रकार का पहचान दस्तावेज़ है जो पाकिस्तान में रहने वाले अफ़ग़ान शरणार्थियों को दिया जाता है। यह कार्ड अफ़ग़ान शरणार्थियों को पाकिस्तान में रहने की कानूनी मान्यता देता है। इसकी मदद से अफ़ग़ान शरणार्थियों को पाकिस्तान सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएँ दी जाती हैं। इस कार्ड की एक निश्चित अवधि होती है। इस अवधि के पूरा होने पर कार्ड का नवीनीकरण किया जाता है।