Pakistan Airspace Closure: पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के मद्देनजर प्रतिबंध सबसे पहले 23 अप्रैल को एक महीने के लिए लगाया गया था. इस कदम से भारतीय विमानों के पाकिस्तानी क्षेत्र में उड़ान भरने पर रोक लग गई. इसके बाद इस अवधि को लगातार बढ़ाया जाता रहा. अब जानकारी सामने आ रही है कि इस अवधि को अब 24 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है. जिसकी अधिकारियों ने भी पुष्टि कर दी है. जिसमें कहा गया है कि एक नए NOTAM ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल पर प्रतिबंध को 24 दिसंबर तक बढ़ा दिया है. यह विस्तार पिछले NOTAM की समाप्ति से ठीक चार दिन पहले किया गया है.
एयर इंडिया ने भारत सरकार से की ये मांग (Air India made this demand to the Government of India)
पाकिस्तान द्वारा भारतीय विमानों के लिए एयरस्पेस बंद करने की वजह से अब गंभीर आर्थिक दबाव उत्पन्न हो गया है. भारत की राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया ने खुले तौर पर माना है कि एयरस्पेस पर पाबंदियों से उसके लंबी दूरी के नेटवर्क को ऑपरेशनल और फाइनेंशियल दोनों तरह से काफी नुकसान हुआ है. इसी सन्दर्भ में कंपनी ने भारत सरकार से एक बड़ी और स्ट्रेटेजिक मांग की है, जो आने वाले दिनों में एविएशन सेक्टर में बड़े बदलावों का संकेत दे सकती है.
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पाकिस्तान द्वारा एयरस्पेस बंद करने पर कितना हो रहा नुकसान? (How much loss is being incurred due to closure of airspace by Pakistan?)
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच राजनीतिक तनाव के कारण दोनों देशों ने सालों से एक-दूसरे के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर रखा है. इसका सीधा असर US, कनाडा और यूरोप के लिए फ्लाइट्स देने वाले रूट्स पर पड़ता है. इन दूसरे रूट्स पर यात्रा का समय औसतन तीन घंटे बढ़ गया है, और फ्यूल की लागत लगभग 29 प्रतिशत बढ़ गई है. एयर इंडिया का अनुमान है कि इस पाबंदी से 2024-25 में लगभग $455 मिलियन का सालाना नुकसान हो सकता है, जो पिछले फाइनेंशियल ईयर में बताए गए $439 मिलियन से काफी ज़्यादा है.
एयर इंडिया ने सरकार से क्या मांग की? (What did Air India demand from the government?)
इस नुकसान की भरपाई के लिए एयर इंडिया ने सरकार से गुजारिश की है कि एयर लाइन को चीन के शिनजियांग इलाके के मिलिट्री कंट्रोल वाले एयरस्पेस- खासकर होतान, काशगर और उरुमकी-तक इमरजेंसी एक्सेस पक्का किया जाए. कंपनी का कहना है कि यह रूट लंबी दूरी की फ्लाइट्स के लिए स्ट्रेटेजिक राहत दे सकता है और ट्रैवल टाइम और कॉस्ट दोनों को काफी कम कर सकता है.
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