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एशिया के ऊपर छाये जंग के बादल, 6 देश धीरे-धीरे बढ़ रहे युद्ध की तरफ; भारत के दुश्मन भी इसमें शामिल

Thailand-Cambodia War: सोमवार को थाईलैंड ने आरोप लगाया कि कंबोडिया ने सुबह 3 बजे सीमा पर हमला किया जिसमें एक थाई सैनिक की मौत हो गई और दो घायल हुए.

By: Shubahm Srivastava | Published: December 9, 2025 3:35:59 AM IST



War Like Situation In Asia: एशिया में तीन अलग-अलग मोर्चों पर बढ़ते तनाव ने पूरे क्षेत्र में अस्थिरता की स्थिति पैदा कर दी है. कुल छह देश—पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, जापान, थाईलैंड और कंबोडिया—सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से आमने-सामने हैं. ये तीनों विवाद लगातार गहराते जा रहे हैं और हाल के हफ्तों में हिंसा और सैन्य गतिविधियाँ बढ़ी हैं.

पहला फ्रंट: पाकिस्तान बनाम अफगानिस्तान

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव अक्टूबर से शुरू हुआ जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के अंदर हवाई हमला किया. पाकिस्तान का दावा है कि अफगानिस्तान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे आतंकी संगठनों को पनाह देता है. इस हमले के बाद से दोनों देशों के बीच वार-पलटवार जारी है.

हालिया रिपोर्टों के अनुसार, दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीमा पर भारी गोलीबारी हुई जिसमें कम से कम पाँच अफगान नागरिकों की मौत हो गई. यह हिंसा पिछले दो महीनों से चल रहे कमजोर युद्धविराम को भी तोड़ती है. 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से यह सबसे गंभीर सीमा झड़प मानी जा रही है. पाकिस्तान बार-बार अफगानिस्तान से आतंकी ठिकानों को समाप्त करने की मांग करता रहा है, जबकि तालिबान सरकार पाकिस्तान के आरोपों को खारिज करती आई है. लेकिन सीमा पर हाल की बढ़ती हिंसा यह संकेत देती है कि दोनों देशों के रिश्ते एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर पहुँच चुके हैं.

दूसरा फ्रंट: चीन बनाम जापान

दूसरा बड़ा तनाव पूर्वी एशिया में चीन और जापान के बीच है, जिसकी वजह है ताइवान. यह तनाव तब बढ़ गया जब जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने संसद में कहा कि यदि चीन ताइवान पर हमला करता है और इससे जापान की सुरक्षा प्रभावित होती है, तो जापान प्रतिक्रिया देने के लिए बाध्य होगा.

चीन ने इस बयान को अपने आंतरिक मामलों में दखल करार दिया और कड़ी आपत्ति जताई. स्थिति तब और बिगड़ गई जब जापान ने आरोप लगाया कि चीन के लड़ाकू विमानों ने जापानी सैन्य विमानों पर दो बार “फायर कंट्रोल रडार लॉक” किया — यह किसी भी सैन्य टकराव का सबसे खतरनाक संकेत होता है. तनाव कम होने के बजाय लगातार बढ़ता जा रहा है, और दोनों देशों के बीच बयानबाजी के साथ-साथ जमीन और हवा में सैन्य गतिविधियाँ तेज हो चुकी हैं.

तीसरा फ्रंट: थाईलैंड बनाम कंबोडिया

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच भी तनाव एक नई सीमा पर पहुँच गया है. सोमवार को थाईलैंड ने आरोप लगाया कि कंबोडिया ने सुबह 3 बजे सीमा पर हमला किया जिसमें एक थाई सैनिक की मौत हो गई और दो घायल हुए. जवाब में थाईलैंड ने भी कंबोडिया पर हवाई हमले किए.

दूसरी ओर, कंबोडिया का कहना है कि हमला थाईलैंड ने स्थानीय समय अनुसार सुबह 5:04 बजे शुरू किया. हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम करवाया था, लेकिन अब दोनों देश एक-दूसरे पर युद्धविराम तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं. सोमवार की झड़पों के बाद यह विवाद फिर से अत्यधिक तनावपूर्ण हो गया है.

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एशिया के इन तीन मोर्चों—पाक-अफगान सीमा, चीन-जापान तनाव और थाईलैंड-कंबोडिया झड़प—ने क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को बड़ा खतरा बना दिया है. लगातार बढ़ रहा सैन्य तनाव इस आशंका को जन्म देता है कि यदि कूटनीतिक समाधान जल्द नहीं मिला, तो इनमें से कोई भी मोर्चा बड़े संघर्ष का रूप ले सकता है.

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