Iran News: ईरान ने अपने ही परमाणु वैज्ञानिक रुज़वेह वादी को देशद्रोह के आरोप में फाँसी दे दी है। ईरानी सरकार के अनुसार, सर्वोच्च न्यायपालिका के आदेश पर वादी को मौत की सज़ा सुनाई गई है। वादी पर जून 2025 में इज़राइल के साथ युद्ध के दौरान मोसाद के लिए जासूसी करने का आरोप था। ईरान की सर्वोच्च न्यायपालिका की माने तो परमाणु वैज्ञानिक रुज़वेह वादी ने मोसाद को अपने दोस्त और देश के एक परमाणु वैज्ञानिक के बारे में जानकारी दी थी। इसी जानकारी के कारण, उस परमाणु वैज्ञानिक की मोसाद ने हत्या कर दी।
मोसाद एजेंटों से मुलाकात
स्थानीय मीडिया के अनुसार, रुज़वेह को फरवरी 2024 में गिरफ्तार किया गया था। शुरुआत में, उन पर ईरान के परमाणु केंद्रों की जानकारी इज़राइल के साथ साझा करने का आरोप लगाया गया था। रुज़वेह पर जासूसी के लिए कम से कम 5 मौकों पर मोसाद एजेंटों से मिलने का आरोप था।
ईरान मानवाधिकार के अनुसार, पकड़े जाने से पहले, वादी कथित तौर पर तेहरान के परमाणु ऊर्जा संगठन में एक परमाणु विशेषज्ञ के रूप में काम करते थे। गिरफ्तारी के बाद, उन्हें सबसे कुख्यात एविन जेल में रखा गया था।
ईरान की सर्वोच्च न्यायिक वेबसाइट मिज़ान के अनुसार, वादी को मोसाद ने ऑनलाइन भर्ती किया था। वादी मोसाद के जाल में फँस गया और सारी गोपनीय जानकारी मोसाद को दे दी।
इज़राइल का कहना है कि उसके जासूस पिछले कई सालों से ईरान में रह रहे हैं। मोसाद की जानकारी के आधार पर ही इज़राइल ने ईरान के 12 परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराया था।
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परमाणु वैज्ञानिक रुज़वेह वादी कौन थे?
रुज़वेह वादी को ईरान का उभरता हुआ परमाणु वैज्ञानिक कहा जाता था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई ज़ंजन विश्वविद्यालय से की। रिसर्च गेट के अनुसार, 2010 में वे अमीर कबीर विश्वविद्यालय गए, जहाँ से उन्होंने परमाणु संबंधी विषयों का अध्ययन किया।
इसके बाद वादी ने परमाणु कार्यक्रम पर शोध करना शुरू किया। वादी ने ईरान खोदरो समूह, तेहरान पॉलिटेक्निक, राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा केंद्र में शोधकर्ता के रूप में काम किया है। परमाणु कार्यक्रम पर वादी के 10 से ज़्यादा शोध मॉडल प्रकाशित हो चुके हैं।