Ajit Doval Russia Visit : भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल इस समय रूस के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री के विशेष दूत डोभाल ऐसे समय में रूस के दौरे पर हैं जब अमेरिकी राष्ट्रपति लगातार टैरिफ लगाकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि नई दिल्ली रूस से तेल खरीदना बंद कर दे।
लेकिन इसके अलावा रूस से जो बड़ी खबर सामने आई है, वो ये है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन जल्द ही भारत दौरे पर आएंगे। फिलहाल तारीख अभी तय नहीं हुई है। लेकिन खबरों की मानें तो पुतिन इस साल के अंत तक भारत आएंगे। आपको बता दें कि अजीत डोभाल के बाद विदेश मंत्री जयशंकर इसी महीने रूस के दौरे पर जाने वाले हैं।
भारत और रूस के बीच मजबूत रिश्ते बनाए रखने में अजीत डोभाल की अहम भूमिका रही है। इसी तरह रूस के सर्गेई शोइगु ने भी ये काम किया है।
कौन हैं सर्गेई शोइगु?
जानकारी के लिए बता दें कि सर्गेई शोइगु रूस की सुरक्षा परिषद के सचिव हैं। इसके अलावा, सर्गेई 2012-14 तक रूस के रक्षा मंत्री भी रहे। वह 2024 से रूस की सुरक्षा परिषद के सचिव के रूप में कार्यरत हैं। शोइगु 1991 से 2012 तक रूस के आपातकालीन स्थिति मंत्रालय के मंत्री रहे और 2012 में कुछ समय के लिए मॉस्को ओब्लास्ट के गवर्नर भी रहे।
इससे पता चलता है कि शोइगु लंबे समय से रूसी सत्ता के करीब रहे हैं। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से वह सुर्खियों में हैं, जिसके बाद यूरोपीय संघ, अमेरिका और कनाडा ने उन पर प्रतिबंध लगाए थे। इसके अतिरिक्त, अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने यूक्रेन में युद्ध अपराधों के आरोप में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
पुतिन के काफी करीब हैं सर्गेई शोइगु
रिपोर्टों के अनुसार, सर्गेई शोइगु को रूसी राष्ट्रपति का करीबी माना जाता है। दोनों 1990 के दशक से दोस्त हैं और अक्सर साइबेरिया में छुट्टियाँ मनाते देखे गए हैं, जहाँ वे मछली पकड़ने और शिकार करने जैसे शौक साझा करते हैं। रक्षा मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, शोइगु ने रूसी सेना में बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण और युद्ध प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया।
सर्गेई शोइगु और अजीत डोभाल की हुई मुलाकात
अजीत डोभाल और सर्गेई शोइगु ने मॉस्को में मुलाकात की। इस बैठक में दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने के उपायों पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने इस वर्ष के अंत में होने वाले द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन की तैयारी के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। इसके साथ ही, बहुपक्षीय मंचों और वैश्विक सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दों पर रूस-भारत के बीच सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ।
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