Nepal Gen-Z Protest: नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। आंदोलन का आज तीसरा दिन है। हिंसक विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए सेना ने मंगलवार रात 10 बजे से पूरे देश की बागडोर अपने हाथ में ले ली है। इसके बाद भी कई इलाकों में हिंसा जारी है। प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार शाम सुप्रीम कोर्ट में आग लगा दी, जिससे 25 हज़ार से ज़्यादा केस फाइलें राख हो गईं। चितवन जिले में प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट और सरकारी वकीलों के ऑफिस में आग लगाई गई, जिससे कई कागजात जलकर राख हो गए।
सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या जला
• सुप्रीम कोर्ट परिसर में वाहनों में आग लगा दी गई।
• वे आईटी कक्ष में घुस गए। उन्होंने उसे भी आग लगा दी।
• मुख्य न्यायाधीश और मुख्य रजिस्ट्रार के कक्ष जला दिए गए।
• 25,000 केस फाइलें राख हो गईं।
• तोड़फोड़ और आगजनी के कारण सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट बंद है, हालांकि डेटा का बैकअप लिया गया था।
• न्यायाधीशों द्वारा तैयार किए गए कई फैसलों के रिकॉर्ड कंप्यूटरों के साथ नष्ट कर दिए गए हैं।
33.7 लाख रुपये नकद बरामद
सेना का कहना है कि ये लोग हालात का फायदा उठाकर तोड़फोड़, अराजकता, लूटपाट, आगजनी और जान-माल को नुकसान पहुँचाने की साजिश रच रहे थे। पुलिस ने इनके पास से 33.7 लाख रुपये नकद भी बरामद किए हैं।
31 अलग-अलग तरह के हथियार ज़ब्त
इसके अलावा, 23 बंदूकें, मैगज़ीन और गोलियों समेत 31 अलग-अलग तरह के हथियार भी ज़ब्त किए गए हैं। केपी शर्मा ओली प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर काठमांडू छोड़ चुके हैं। यहाँ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 400 से ज़्यादा लोग घायल हैं।
तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों के घर जलाए गए
कल आंदोलनकारियों ने नेपाल के तीन प्रधानमंत्रियों, शेर बहादुर देउबा, झालानाथ खलान और पुष्प कमल दहल प्रचंड के घरों में आग लगा दी। पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खलान की पत्नी राजलक्ष्मी चित्रकार अपने घर में लगी आग में गंभीर रूप से झुलस गईं। उन्हें तुरंत कीर्तिपुर बर्न अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनकी मृत्यु हो गई। इसी दौरान, पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की उनके घर में पिटाई की गई, जबकि वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को काठमांडू में उनके घर के पास दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया।

