Home > विदेश > कौन है वो महिला जिसकी वजह से फिर हुई अमेरिका और रूस में दुश्मनी? पुतिन से पल्ला झाड़ जेलेंस्की की पीठ थपथपाने लगे डोनाल्ड ट्रंप

कौन है वो महिला जिसकी वजह से फिर हुई अमेरिका और रूस में दुश्मनी? पुतिन से पल्ला झाड़ जेलेंस्की की पीठ थपथपाने लगे डोनाल्ड ट्रंप

Trump Russia relations: वही ट्रंप जो पुतिन की तारीफ़ करते नहीं थकते थे। उन्हें जीनियस और होशियार बताते थे। अब वही ट्रंप यूक्रेन को हथियार, धन और कूटनीतिक समर्थन देने में सबसे आगे हैं। पहले नाटो को कमज़ोर बताने वाले ट्रंप अब नाटो के साथ मज़बूती से खड़े नजर आ रहे हैं।

By: Deepak Vikal | Published: July 17, 2025 4:49:56 PM IST



Trump Russia relations: रूस और अमेरिका में तनाव और दूरी का इतिहास बेहद पुराना रहा है। लेकिन ट्रंप के आते ही लग रहा था थी दोनों देश करीब आ रहे हैं। रूस के राष्ट्रपति पुतिन से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाढ़ी छनने लगी है! लेकिन अब एक बार फिर ऊंट दूसरी करवट बैठ  गया है। वही ट्रंप जो पुतिन की तारीफ़ करते नहीं थकते थे। उन्हें जीनियस और होशियार बताते थे। अब वही ट्रंप यूक्रेन को हथियार, धन और कूटनीतिक समर्थन देने में सबसे आगे हैं। पहले नाटो को कमज़ोर बताने वाले ट्रंप अब नाटो के साथ मज़बूती से खड़े नज़र आ रहे हैं।

लेकिन अचानक इस बदलाव के पीछे कारण क्या है? इसके जवाब में बताया जा रहा है कि एक महिला के चलते ट्रंप इतना  बदल गए हैं। वो महिला हैं अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप। 

मेलानिया ट्रंप की छिपी लेकिन प्रभावी भूमिका

व्हाइट हॉउस से TV9 को कुछ सूचनाएं मिली हैं जिसके आधार पर टीवी 9 ने बताया कि इस बदलाव की सबसे बड़ी वजह मेलानिया ट्रंप हैं। वह अक्सर ट्रंप को याद दिलाती रहती हैं कि यूक्रेन में निर्दोष लोगों की जान जा रही है। मेलानिया ने ट्रंप के विदेश नीति सलाहकारों के साथ कई बैठकों में भी हिस्सा लिया और साफ़ तौर पर कहा कि पुतिन के प्रति नरमी का मतलब निर्दोष लोगों की मौत पर चुप्पी है। मेलानिया का जन्म स्लोवेनिया में हुआ था, जो एक पूर्वी यूरोपीय देश था और सोवियत संघ के प्रभाव में था, लेकिन रूस से दूरी बनाए रखता था। उनके अनुभव से उन्हें रूस की आक्रामक नीतियों की गहरी समझ है।

2022 में ही इसके संकेत मिलने लगे थे

फरवरी 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था, तब ट्रंप ने भले ही पुतिन को ‘सैवी’ कहकर संबोधित किया हो, लेकिन मेलानिया ने उसी समय ट्विटर पर लिखा था कि यह युद्ध भयावह है। मेरी प्रार्थनाएँ यूक्रेन के साथ हैं। उन्होंने रेड क्रॉस के लिए दान की अपील भी की और पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय संकट पर इतनी स्पष्ट राय दी। ट्रंप की सोच में बदलाव यहीं से शुरू हुआ।

Iraq Shopping mall Fire:इराक एक शॉपिंग मॉल में लगी भीषण आग, ज़िंदा जल के राख हो गए 50 लोग, देश में तीन दिन के शोक का ऐलान

व्हाइट हाउस की सोच में बदलाव

इस साल ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद से ही यूक्रेन को लेकर अमेरिकी  नीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला। यूक्रेन को दी जा रही मदद और रूस पर बढ़ते अमेरिकी दबाव में मेलानिया का योगदान साफ दिखाई देता है। सूत्रों के मुताबिक, मेलानिया ने साफ कह दिया है कि अगर अमेरिका को लोकतंत्र का नेता कहलाना है, तो उसे यूक्रेन जैसे देशों की रक्षा करनी होगी। मेलानिया शायद यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के लिए व्हाइट हाउस की सबसे मजबूत उम्मीद बन गई हैं।

Israel Gaza War: भूख से तड़प रहे लोगों की भगदड़ में गई जान, गाजा में नहीं थम रहा मौत का तांडव

Advertisement