Marco Rubio-Shehbaz Sharif Meeting : ईरान-इजरायल के बीच सीजफायर के बाद शुक्रवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मुलाकात हुई है। इस दौरान क्षेत्र में शांति व स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मार्को रुबियो ने पश्चिम एशिया की स्थिति को लेकर भी शरीफ से बात की है।
इस मुलाकात के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने जानकारी देते हुए बताया कि, दोनों नेताओं ने इजराइल और ईरान के बीच स्थायी शांति को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए मिलकर काम करने के महत्व को स्वीकार किया।
वहीं पाकिस्तान सरकार की तरफ से भी बयान सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं ने पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों को मजबूत बनाने, विशेष रूप से व्यापार बढ़ाने के लिए मिलकर काम करते रहने पर सहमति व्यक्त की। बयान के अनुसार, पश्चिम एशिया की वर्तमान स्थिति का जिक्र करते हुए शरीफ ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में शांति स्थापित करने में रचनात्मक भूमिका निभाता रहेगा।
शहबाज शरीफ ने की ट्रंप की तारीफ
पाकिस्तान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पीएम शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के “साहसी और निर्णायक नेतृत्व की भी प्रशंसा की, जिसके कारण ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष विराम हुआ।” बयान के मुताबिक, उन्होंने भारत-पाक संघर्ष विराम में अमेरिका की अहम भूमिका के लिए रुबियो का शुक्रिया भी अदा किया। हाल ही में पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी। इस बारे में काफी चर्चा हुई थी।
Prime Minister Muhammad Shehbaz Sharif held a telephonic conversation with U.S. Secretary of State Marco Rubio
• Prime Minister Praised President Trump’s leadership & Secretary Rubio’s diplomacy in facilitating Pakistan – India ceasefire understanding. pic.twitter.com/oxVtUHfLSV
— Shehbaz Digital Media (@ShehbazDigital) June 21, 2025
ट्रंप ने कहा थैंक यू
मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वह असीम मुनीर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं क्योंकि दोनों ने आपसी साझेदारी में संघर्ष विराम पर सहमति जताई थी। हालांकि भारत कभी भी इसके पक्ष में नहीं था। संघर्ष विराम की पहली पहल पाकिस्तान ने ही की थी, जब वह भारतीय सेना के लगातार हमलों से बुरी तरह घबरा गया था। तब उसने इसके लिए अमेरिका से बात की और उससे भारत से बात करने का अनुरोध किया। इसकी पुष्टि खुद विदेश मंत्री इशाक डार ने भी की है।
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