Jaish-e-Mohammad: ऑपरेशन सिंदूर के कई महीनों बाद पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) अपने नष्ट हो चुके प्रशिक्षण शिविरों और ठिकानों के नेटवर्क को फिर से जीवित करने की तैयारी कर रहा है। अपने आतंकी ढांचे को फिर से खड़ा करने के लिए, जैश-ए-मोहम्मद ने एक बड़ा धन उगाहने वाला अभियान शुरू किया है। इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है। मई में, ऑपरेशन सिंदूर के तहत, भारतीय सशस्त्र बलों ने जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर मुख्यालय और आतंकवादी लॉन्च पैड को नष्ट कर दिया था।
तबाह हो गया था आतंकी मसूद अजहर का परिवार
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। जिसके बाद भारत ने इसका बदला लेने के लिए 7 मई की रात को पाकिस्तान में स्थित आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया। इस हमले में आतंकवादी और जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य मारे गए हैं। इस हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर ने खुद इसकी पुष्टि की थी और कहा था कि भारत के ताबड़तोड़ हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए हैं।
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मसूद अजहर ने क्या कहा था?
भारत के इस एयरस्ट्राइक के बाद दुखी मसूद अजहर ने कहा कि अच्छा होता अगर मैं भी इस हमले में मारा जाता। इस हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद ने एक बयान में कहा, “मौलाना मसूद अजहर की बड़ी बहन के साथ-साथ मौलाना कशफ का पूरा परिवार मारा गया है और मुफ्ती अब्दुल रऊफ के पोते, बाजी सादिया के पति और सबसे बड़ी बेटी के चार बच्चे घायल हुए हैं। ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं।”
रिपोर्ट में हुआ खुलासा
इंडिया टुडे ने खुफिया जानकारी के आधार पर अपनी रिपोर्ट में बताया है कि जैश-ए-मोहम्मद अपनी स्थिति बेहतर करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। संगठन ने कथित तौर पर पूरे पाकिस्तान में 313 नए ‘मरकज’ स्थापित करने की योजना बनाई है, जिनका इस्तेमाल आतंकवादियों को प्रशिक्षित करने और पनाह देने के लिए किया जाएगा। इसके लिए 3.91 अरब पाकिस्तानी रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।
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पैसे जुटाने के लिए अभियान चला रहा मसूद अजहर
इन ठिकानों से नए आतंकवादियों के लिए प्रशिक्षण केंद्र चलाने के साथ-साथ जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और उसके परिवार के लिए सुरक्षित पनाहगाह बनने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मसूद अजहर अपने भाई तल्हा अल सैफ के साथ धन उगाही अभियान का नेतृत्व कर रहा है। पकड़े जाने से बचने के लिए, जैश ने ईजीपैसा और सदापे जैसे डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। ऑनलाइन धन इकट्ठा करने के अलावा, जैश कमांडर शुक्रवार की नमाज के दौरान मस्जिदों में भी चंदा इकट्ठा कर रहे हैं। वे इसे गाजा में मानवीय सहायता के लिए दिए जाने के रूप में दिखा रहे हैं।

