Home > विदेश > एक गलती और धुआं-धुआं हो जाएगा सब, कतर के बाद ये इस्लामिक राष्ट्र इजराइल का टार्गेट!

एक गलती और धुआं-धुआं हो जाएगा सब, कतर के बाद ये इस्लामिक राष्ट्र इजराइल का टार्गेट!

Israel Qatar attack: कतर की राजधानी दोहा में मिसाइल हमला करके के बाद तुर्की को भी हमले का डर सता रहा है. इजराइल ने साफ कहा है कि वो हमास के खात्मे तक नहीं रूकेंगे.

By: Shubahm Srivastava | Published: September 15, 2025 9:06:10 PM IST



Israel Hamas War : हाल ही में, इजराइल ने कतर की राजधानी दोहा में मिसाइल हमला करके पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है. दोहा में इजराइली सेना के निशाने पर हमास के नेता थे. इजराइल का यह कदम इस बात का सबूत है कि वह हमास को खत्म करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. चाहे उसे किसी दूसरे देश पर हमला ही क्यों न करना पड़े.

दोहा पर यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब कतर का अमेरिका के साथ एक ट्रिलियन डॉलर का समझौता है. साफ है कि दोहा पर हुए हमले से इज़राइल के सहयोगी भी हिल गए हैं. इसके पीछे एक वजह यह भी है कि कतर न सिर्फ़ नाटो समर्थित सदस्य है, बल्कि वहां अमेरिकी अड्डे भी हैं. ऐसे में अमेरिका कभी नहीं चाहेगा कि इजराइल और कतर आमने-सामने हों.

वहीं, इजराइल के सेना प्रमुख इयाल ज़मीर ने भी 31 अगस्त को घोषणा की थी कि ‘हमास का प्रमुख नेता विदेश में है और हम उन तक भी पहुंचेंगे.’ बता दें कि हमास के नेता शांति वार्ता के लिए दोहा में इकट्ठा हुए थे.

हमास को शरण देने वाले इजरायल के निशाने पर

अगर हम इजरायल के द्वारा किए गए हमलों को समझें तो ज्यादातर हमले हमास को निशाना बनाकर किए गए हैं. इन देशों में फिलिस्तीन, सीरिया, यमन, ईरान, कतर और लेबनान शामिल हैं. गाजा जंग के बाद से इजरायल अब तक इन 6 मुस्लिम देशों को निशाना बना चुका है. इन सभी देशों ने हमास के लीडर्स को शरण दे रखी थी. अब घटनाओं को देखते हुए अगला नंबर तुर्की का नजर आ रहा है.

तुर्की, इजरायल का अगला निशाना!

इजराइल के इन लगातार हमलों से पाकिस्तान का करीबी दोस्त तुर्की भी डरा हुआ है. क्योंकि तुर्की हमास को राजनीतिक आश्रय, वैचारिक समर्थन और आर्थिक मदद देता है. इस वजह से तुर्की को कतर जैसी स्थिति का सामना करने का डर है. लेकिन इससे बचने के लिए एक इस्लामिक शिखर सम्मेलन बुलाया गया है.

इस्लामिक समिट का आयोजन

इजराइल से बचने के लिए इस्लामिक देशों ने एक इस्लामिक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया है. खास बात यह है कि इसमें तुर्की, पाकिस्तान, सऊदी, कतर समेत दुनिया के 50 देश हिस्सा ले रहे हैं. इस शिखर सम्मेलन का मकसद इजराइल पर नियंत्रण के लिए अमेरिका पर दबाव बनाना होगा. कतर में हुए हमले को लेकर ट्रंप ने इजराइल को सोच-समझकर कदम उठाने की सलाह भी दी है.

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