Iran US Tension: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई का ताजा बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने अमेरिका पर तीखा हमला बोला है। आगे उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि अमेरिका लगातार ईरान पर दबाव बनाता है ताकि वह उसकी नीतियों और आदेशों का पालन करे। लेकिन ईरान इसे अपनी संप्रभुता और सम्मान के खिलाफ मानता है और कभी झुकने वाला नहीं है। खामेनेई ने साफ कहा कि ईरान और अमेरिका के बीच सीधी बातचीत की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से ही अमेरिका ने ईरान के खिलाफ शत्रुता का रवैया अपनाया है और यह शत्रुता आज तक जारी है।
खामेनेई के करीबी ने दी चेतावनी
वहीं, उनके इस बयान के बाद खामेनेई के करीबी वरिष्ठ सैन्य सलाहकार याह्या रहीम सफवी ने चेतावनी दी है कि अमेरिका या इजरायल के साथ कभी भी नया युद्ध छिड़ सकता है। उनका कहना है कि ईरान इस समय युद्धविराम की स्थिति में नहीं, बल्कि युद्ध के दौर में है और उसे हर मोर्चे पर अपनी ताकत बढ़ानी होगी। दूसरी ओर, खामेनेई ने 13 जून को ईरान पर हुए हमले का जिक्र करते हुए दावा किया कि अगले ही दिन कुछ अमेरिका समर्थक समूह यूरोप की एक राजधानी में इकट्ठा हुए और ‘इस्लामिक गणराज्य के बाद की व्यवस्था’ पर चर्चा करने लगे। यहां तक कि ईरान में राजशाही वापस लाने की भी बात हुई। खामेनेई के अनुसार, ईरान की जनता और संस्थाओं की मजबूती ने इन मंसूबों को पूरी तरह नाकाम कर दिया।
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ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले पर दिया ये जवाब
अपने संबोधन में उन्होंने अमेरिका और इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों का भी जिक्र किया। खामेनेई ने कहा कि इन हमलों का असली मकसद ईरान को अस्थिर करना था, लेकिन ईरान ने इसका करारा जवाब देकर साबित कर दिया कि वह पीछे हटने वाला नहीं है। खामेनेई ने ईरानी जनता से घरेलू स्तर पर पूरी तरह एकजुट रहने और नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन का समर्थन करने का आह्वान किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अब ईरान का विरोध करने वाले देश आंतरिक फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए जनता को सतर्क रहना होगा।
गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई पर दी ये प्रतिक्रिया
गाजा में जारी इजरायल की सैन्य कार्रवाई पर ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई की कड़ी निंदा की और पश्चिमी देशों से इजरायल को सहायता देना बंद करने की अपील की। साथ ही, उन्होंने यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा इजरायल के विरुद्ध उठाए गए कदमों को उचित ठहराया।

