US Tariff On Indian Basmati: ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ का कुछ असर दिखना शुरू हो गया है। जहां एक तरफ टैरिफ की वजह से भारतीय व्यापारी चिंतित हैं। तो वहीं पंजाब और हरियाणा के बासमती किसान और निर्यातक इस वक्त गहरे संकट में हैं। असल में ट्रंप का टैरिफ का फैसला ऐसे समय पर आया है, जब दाम पहले से गिर रहे थे और बाजार में अनिश्चितता बढ़ी हुई है। बता दें कि ट्रंप ने भारतीय बासमती चावल पर भी 50% तक का भारी टैरिफ लगा दिया है। जहां एक तरफ भारत में चिंता है तो वहीं पाकिस्तान में खुशी है।
भारत में चिंता, तो पाक में खुशी
दरअसल, भारत पर टैरिफ लगाए जाने से पाकिस्तान सबसे ज़्यादा खुश है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे पाकिस्तान को अमेरिकी बाज़ार में भारी बढ़त मिली है। दरअसल, पाकिस्तान पर सिर्फ़ 19% टैरिफ लगाया गया है। बासमती चावल के निर्यात में इन दो अलग-अलग दरों का फ़ायदा पाकिस्तान को मिल रहा है। यानी अब भारतीय बासमती चावल अमेरिकी ग्राहकों को 31% महंगा पड़ेगा।
यह टैरिफ़ का बोझ ट्रंप के 7 अगस्त के कार्यकारी आदेश के बाद लगाया गया है, जिसमें भारत द्वारा रूस से तेल ख़रीदने पर 25% का अतिरिक्त जुर्माना जोड़ा गया था और पहले से लागू 25% पारस्परिक टैरिफ के साथ कुल टैक्स 50% हो गया था। 50% टैरिफ 28 अगस्त से लागू होगा।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, बासमती निर्यातक संघ के उपाध्यक्ष रंजीत सिंह जोसन ने कहा है कि पाकिस्तानी व्यापारियों ने अमेरिका से ऑर्डर लेना शुरू कर दिया है, लेकिन कीमतों में अंतर के कारण भारतीय व्यापारी मोलभाव भी नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना है कि इससे भारत को नुकसान और पाकिस्तान को फायदा हो रहा है।
टैरिफ के बाद दामों पर क्या पड़ेगा असर?
अमेरिका में 1,200 डॉलर में खरीदा गया एक टन बासमती चावल भारत से आयात करने पर 600 डॉलर अतिरिक्त खर्च करेगा, जबकि पाकिस्तान से आयात करने पर केवल 228 डॉलर अतिरिक्त खर्च होंगे। मिल मालिक अपना पुराना स्टॉक नहीं बेच पा रहे हैं। जोसन कहते हैं, “जब तक हालात नहीं सुधरेंगे, निर्यातक खरीदारी नहीं करेंगे।”