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France Protest: नेपाल के बाद फ्रांस में शुरू हुआ बवाल, क्या जाएगी Macron की कुर्सी?

Block Everything France Protest: नेपाल में जारी उग्र प्रदर्शन के बीच फ्रांस में ब्लॉक एवरीथिंग नामक एक आंदोलन शुरू हो गई है.

By: Sohail Rahman | Last Updated: September 10, 2025 3:42:36 PM IST



Block Everything Protest: नेपाल में पिछले कुछ दिनों से जारी विरोध प्रदर्शनों के बाद अब फ्रांस की सड़कों पर भी लोगों का गुस्सा फूटता हुआ नजर आ रहा है. दरअसल, बताया जा रहा है कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ ब्लॉक एवरीथिंग नामक एक नए आंदोलन ने बुधवार सुबह देश भर के राजमार्गों को जाम कर दिया. कई जगहों पर सड़कों पर आगजनी, नारेबाजी और अराजकता देखी गई. कई बसों में आग भी लगा दी गई. सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के बावजूद भी उग्र भीड़ मानने को तैयार नहीं है.

कई शहरों में बिगड़े हालात

फ्रांस की राजधानी पेरिस समेत कई बड़े शहरों में हालात बिगड़ते हए नजर आ रहे हैं. इस विद्रोह की टाइमिंग भी बहुत गलत है. आपको जानकारी के लिए बता दें कि फ्रांसीसी राजनीति पहले से ही संकट में है. संसद ने हाल ही में प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू को विश्वास मत में हरा दिया और मैक्रों को अपने कार्यकाल के पाँचवें प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू को नियुक्त करना पड़ा.

ब्लॉक एवरीथिंग क्या है?

आपको जानकारी के लिए बता दें कि ब्लॉक एवरीथिंग कोई सामान्य प्रदर्शन नहीं है. यह आंदोलन इस विचार पर आधारित है कि देश की वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था अब लोगों के लिए उपयोगी नहीं रही. बता दें कि इसकी शुरुआत दक्षिणपंथी समूहों ने की थी, लेकिन अब इस पर वामपंथी और अति-वामपंथी ताकतों का कब्ज़ा हो गया है. प्रदर्शनकारियों का सीधा संदेश है कि अगर व्यवस्था नहीं चलती, तो देश की मशीनरी ठप कर दो. इसी सोच के साथ उन्होंने राजमार्गों, शहरों और परिवहन व्यवस्था को ठप करने का ऐलान किया है. इसीलिए इसे सब कुछ अवरुद्ध करना कहा जा रहा है.

सरकार ने 80000 सुरक्षा बलों को किया तैनात

फ्रांस में भड़की हिंसा के बीच स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 80,000 सुरक्षा बल तैनात किए हैं, जिनमें से 6,000 सिर्फ़ पेरिस में ही मौजूद हैं. फ्रांसीसी मीडिया का अनुमान है कि इन विरोध प्रदर्शनों में लगभग 1 लाख लोग शामिल हो सकते हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह आंदोलन फ्रांस के लिए नया ज़रूर है, लेकिन इसकी गूंज 2018 के येलो वेस्ट विद्रोह की याद दिलाती है. उस समय भी ईंधन की बढ़ती कीमतों से नाराज़ लोग सड़कों पर उतर आए थे और यह विरोध धीरे-धीरे राष्ट्रपति मैक्रों की नीतियों के ख़िलाफ़ एक बड़े जनांदोलन में बदल गया था. इस बार भी हालात कुछ ऐसे ही नज़र आ रहे हैं.

गृह मंत्री ब्रूनो रातायो ने क्या बताया?

गृह मंत्री ब्रूनो रातायो ने बताया कि लगभग 50 नकाबपोश लोगों ने बोर्डो में एक राजमार्ग को अवरुद्ध करने की कोशिश की. टूलूज़ में केबल में आग लगने के कारण यातायात बाधित हुआ. पेरिस पुलिस ने 75 प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है, जबकि विंसी कंपनी ने कहा कि मार्सिले, मोंटपेलियर, नैनटेस और ल्योन जैसे प्रमुख शहरों में यातायात अवरुद्ध कर दिया गया.

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