Home > विदेश > SCO Summit: PM Modi के दूत से मिलने के लिए 20 दिन के बाद बिल से बाहर निकले शी जिनपिंग, चीन से भेजा भारतीय प्रधानमंत्री के लिए खास संदेश, देख शहबाज-मुनीर के उड़ गए होश

SCO Summit: PM Modi के दूत से मिलने के लिए 20 दिन के बाद बिल से बाहर निकले शी जिनपिंग, चीन से भेजा भारतीय प्रधानमंत्री के लिए खास संदेश, देख शहबाज-मुनीर के उड़ गए होश

SCO Summit: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय चीन दौरे पर हैं। बीजिंग में आधिकारिक बैठकों के बाद, वह आज तियानजिन में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेंगे।

By: Divyanshi Singh | Published: July 15, 2025 11:09:17 AM IST



SCO Summit: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 20 दिनों बाद मीडिया में नज़र नहीं आए। लंबे समय से शी जिनपिंग के चुपचाप तख्तापलट की अटकलें सुर्खियाँ बन रही थीं, क्योंकि वह किसी भी सार्वजनिक समारोह में हिस्सा नहीं ले रहे थे और ब्रिक्स सम्मेलन से भी अनुपस्थित थे। शी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान भी नज़र नहीं आए थे, उन्हें आखिरी बार 24 जून को सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वांग के साथ देखा गया था। दोनों नेताओं की बीजिंग में मुलाकात हुई थी। लेकिन मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के अलावा भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शी जिनपिंग से मुलाकात की।
 
इस मुलाकात की जानकारी देते हुए एस जयशंकर ने X पर लिखा, “आज सुबह बीजिंग में अपने साथी SCO विदेश मंत्रियों के साथ राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिवादन पहुँचाया। राष्ट्रपति शी को हमारे द्विपक्षीय संबंधों में हालिया प्रगति से अवगत कराया। इस संबंध में मैं हमारे नेताओं के मार्गदर्शन को महत्व देता हूँ।”

विदेश मंत्री का चीन दौरा

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय चीन दौरे पर हैं। बीजिंग में आधिकारिक बैठकों के बाद, वह आज तियानजिन में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेंगे।

एससीओ शिखर सम्मेलन क्या है?

एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) एक राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन है जिसमें 9 सदस्य देश (चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान और ईरान) और कई पर्यवेक्षक एवं संवाद सहयोगी देश शामिल हैं।

एक महीने के भीतर दूसरी एससीओ बैठक

पिछले महीने, एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की एक बैठक हुई थी, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भाग लिया था। इसमें भारत ने संयुक्त बयान का समर्थन करने से इनकार कर दिया और आतंकवाद पर कड़ी भाषा शामिल करने पर ज़ोर दिया। यह भारत के रुख को दर्शाता है, खासकर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद।

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