Categories: विदेश

ऐसी बीमारी जो इंसान के अंदर से खत्म कर देती है डर, दुनिया में हैं इसके सिर्फ दो पेशेंट

Rare Disease: इस बीमारी का नाम कुशिंग सिंड्रोम (Cushing Syndrome) है. फिलहाल दुनिया में इस बीमारी के अमेरिका और ब्रिटेन से दो केस सामने आए हैं.

Published by Shubahm Srivastava

Cushing Syndrome: मनुष्य के जीवन में डर (Fear) काफी अहम हिस्सा है. डर एक ऐसी चीज है, जो हमें खतरों से तो बचाता ही है इसके अलावा आने वाली किसी भी खतरे से हमें सतर्क भी करता है. लेकिन अगर मनुष्य के अंदर से डर ही खत्म हो जाए तो फिर क्या होगा? अब इसी कड़ी में एक ऐसी दुर्लभ बीमारी का खुलासा हुआ, जिसमें लोग डर महसूस नहीं कर पाते हैं.

इस बीमारी का नाम कुशिंग सिंड्रोम (Cushing Syndrome) है. फिलहाल दुनिया में इस बीमारी के अमेरिका और ब्रिटेन से दो केस सामने आए हैं. चलिए इनके बारे में जानते हैं. 

ब्रिटेन के जोर्डी सरानिक को नहीं लगता अब डर

साल 2005 में, ब्रिटेन के जोर्डी सरनिक को कुशिंग सिंड्रोम का पता चला. रिपोर्टों के अनुसार, इस स्थिति के कारण जोर्डी के शरीर में तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल का अत्यधिक उत्पादन होने लगा. डॉक्टरों ने बाद में उनकी एड्रेनल ग्रंथियाँ निकाल दीं. उपचार सफल रहा, लेकिन जोर्डी का डर पूरी तरह से गायब हो गया.

उन्होंने एक रस्सी के सहारे विमान से छलांग लगाई और ऊंचाई से नीचे उतरे. इन प्रयासों के दौरान उन्हें कोई डर नहीं लगा. उनका दिल सामान्य गति से धड़क रहा था, और उन्हें कोई चिंता या घबराहट नहीं हुई.

दुनिया की सबसे अनोखी महिला

वहीं अगर हम अमेरिकी महिला एस.एम. (S.M) की बात करें, तो उन्हें दुनिया की सबसे अनोखी महिला माना जाता है क्योंकि वे उरबाक-विएथे (urbach-wiethe) नाम की एक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी से पीड़ित हैं. रिपोर्टों से पता चलता है कि यह बीमारी मस्तिष्क के एक हिस्से (अमिग्डाला) को नष्ट कर देती है. अमिग्डाला वह हिस्सा है जो डर की भावना को नियंत्रित करता है.

Related Post

इस बीमारी को लिपोइड प्रोटीनोसिस (lipoid proteinosis)भी कहा जाता है. वैज्ञानिकों ने एस.एम. पर कई प्रयोग किए. उन्होंने उन्हें डरावनी फिल्में दिखाईं, भूतिया घरों में ले गए, और सांपों और मकड़ियों के संपर्क में भी लाया, लेकिन उन्हें कभी डर नहीं लगा. इसके विपरीत, वह इन खतरनाक चीज़ों के और करीब जाना चाहती थीं.

सबसे हैरानी की बात यह है कि एस.एम. को चाकू या बंदूक की नोक पर कई बार धमकियां दी गईं, फिर भी उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ. इस वजह से उन्हें कई मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ा.

वैज्ञानिक क्या कहते हैं?

वैज्ञानिक फीनस्टीन कहते हैं कि बिना एमिग्डाला के जंगल में छोड़ा गया कोई भी जानवर कुछ ही दिनों में मर सकता है क्योंकि वह खतरे को पहचान नहीं पाता. लेकिन एस.एम. बिना एमिग्डाला के 50 साल से भी ज़्यादा समय तक ज़िंदा रहा है. ये दोनों ही मामले हमें दिखाते हैं कि डर न सिर्फ़ हमें खतरे से बचाता है, बल्कि हमारे सामाजिक और भावनात्मक व्यवहार को भी गहराई से प्रभावित करता है.

14 सालों में भ्रष्टाचार से कमाए 315 करोड़, इस देश के कृषि मंत्री को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

Shubahm Srivastava
Published by Shubahm Srivastava

Recent Posts

The Girlfriend Movie OTT Release: कॉलेज लाइफ शुरू करने से पहले ज़रूर देखें ये फ़िल्म! वरना कर सकते हैं बहुत बड़ी गलती

कॉलेज लाइफ में कदम रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक ज़रूरी फ़िल्म ‘The Girlfriend’. प्यार,…

December 5, 2025

भगवान का पैसा खाकर मोटे हो रहे थे बैंक? सुप्रीम कोर्ट ने मारा करारा तमाचा! जानिए क्या है पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि मंदिर का पैसा सिर्फ देवता का है. जिसके…

December 5, 2025

World Dirtiest Cities: तेल, धुआं और गंदगी…ये हैं दुनिया के 5 सबसे गंदे शहर! लिस्ट में टॉप पर है इस देश की राजधानी

World Pollution Ranking Cities: इन शहरों में प्रशासन की उदासीनता, औद्योगिक कचरे का गलत प्रबंधन…

December 5, 2025