Home > विदेश > बंगाल की खाड़ी में छिपकर क्या कर रहा चीनी जहाज, फ्रांसीसी कंपनी ने ड्रैगन के काले करतूतों का किया पर्दाफाश, अब क्या करेंगे PM Modi?

बंगाल की खाड़ी में छिपकर क्या कर रहा चीनी जहाज, फ्रांसीसी कंपनी ने ड्रैगन के काले करतूतों का किया पर्दाफाश, अब क्या करेंगे PM Modi?

China Research Ship Active Bay of Bengal: भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार के बीच, एक फ्रांसीसी सैटेलाइट कंपनी ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। कंपनी का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में एक चीनी शोध जहाज 'छिपा' हुआ था।

By: Sohail Rahman | Published: July 12, 2025 10:34:09 AM IST



China Research Ship Active Bay of Bengal: भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार के बीच, एक फ्रांसीसी सैटेलाइट कंपनी ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। कंपनी का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में एक चीनी शोध जहाज ‘छिपा’ हुआ था। यह जहाज कई दिनों तक भारतीय जल सीमा के पास सक्रिय रहा। कंपनी के अनुसार, यह जहाज अपनी पहचान छिपाने के लिए स्वचालित पहचान प्रणाली (AIS) को बंद कर देता था। स्वचालित पहचान प्रणाली एक ऐसी प्रणाली है जो जहाजों की पहचान और स्थान का खुलासा करती है।

फ्रांसीसी कंपनी का चौंकाने वाला दावा

फ्रांसीसी कंपनी ‘अनसीनलैब्स’ ने हिंद महासागर में चीन की एक संदिग्ध गतिविधि का खुलासा किया है। कंपनी का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में भारतीय जल सीमा के पास एक चीनी शोध जहाज कई दिनों तक सक्रिय रहा। ‘अनसीनलैब्स’ नाम की इस कंपनी ने रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए जहाजों पर नजर रखी। कंपनी ने बंगाल की खाड़ी में 16 दिनों तक एक सर्वेक्षण किया। इस सर्वेक्षण में पता चला कि लगभग 10 प्रतिशत जहाज बिना स्वचालित पहचान प्रणाली के चल रहे थे। इससे सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस क्षेत्र में चीन की गतिविधियां बढ़ रही हैं और बांग्लादेश के साथ उसके संबंध मजबूत हो रहे हैं।

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कई दिनों तक जहाजों पर रखा गया नजर

अनसीनलैब्स ने बताया कि उन्होंने बंगाल की खाड़ी में कई दिनों तक जहाजों पर नजर रखी। इस दौरान उन्होंने 1,897 जहाजों पर नजर रखी। इनमें से ज्यादातर जहाज एआईएस सिग्नल भेज रहे थे, लेकिन 9.6 प्रतिशत जहाजों में स्वचालित पहचान प्रणाली की कोई गतिविधि नहीं देखी गई। इसका मतलब है कि वे अपनी स्थिति छिपाने की कोशिश कर रहे थे। कंपनी की रिपोर्ट में एक विशेष चीनी अनुसंधान जहाज का भी जिक्र है। यह जहाज हाल ही में हुई नौसैनिक गतिविधियों वाले क्षेत्र के पास सक्रिय था। इतना ही नहीं, इसे हिंद महासागर में भी बार-बार देखा गया।

किसी मकसद से काम कर रही चीनी जहाज

कंपनी का कहना है कि जब यह जहाज स्वचालित पहचान प्रणाली नहीं दिखा रहा था, तब भी इसके रेडियो सिग्नल मिल रहे थे। इससे हमें इसकी गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिली। हमें शक है कि यह चीनी अनुसंधान जहाज किसी खास मकसद से काम कर रहा था। फ्रांसीसी कंपनी का यह भी कहना है कि चीनी जहाज का मिशन समुद्र की गहराई का नक्शा बनाना, आसपास के वातावरण का विश्लेषण करना और पनडुब्बियों के रास्तों की पहचान करना हो सकता है। इन रास्तों का इस्तेमाल निगरानी अभियानों और पनडुब्बी रोधी युद्ध की तैयारियों के लिए किया जा सकता है।

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भारतीय नौसेना के लिए बड़ी चुनौती

भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल भारतीय जल सीमा के आसपास की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखते हैं। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में चीनी अनुसंधान जहाजों की लगातार मौजूदगी की सूचना दी है। इस मामले में, चीनी जहाज पूर्वी तट से 120 समुद्री मील दूर अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में काम कर रहा था। हालांकि चीनी युद्धपोत और पनडुब्बियाँ हिंद महासागर में काम करती हैं, लेकिन नौसेना अधिकारियों का मानना है कि बीजिंग जल्द ही इस क्षेत्र में अपने विमानवाहक पोत तैनात कर सकता है।

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