Home > विदेश > भारत के इस पड़ोसी देश की लग गई लॉटरी, हाथ लग गया 1,000 टन सोना! खबर सुन चमक गई सभी की आंखें

भारत के इस पड़ोसी देश की लग गई लॉटरी, हाथ लग गया 1,000 टन सोना! खबर सुन चमक गई सभी की आंखें

Gold Found In China: वैज्ञानिकों ने कुनलुन क्षेत्र में कुल 87 स्वर्ण-समृद्ध स्थानों की पहचान की है, जिनमें से छह स्थान प्रमुख माने गए हैं. ऊपरी 300 मीटर की परतों में सोना खनन योग्य स्तर पर उपलब्ध है.

By: Shubahm Srivastava | Published: November 16, 2025 3:10:21 AM IST



China Gold Reserve: चीन ने शिनजियांग स्थित कुनलुन पर्वत श्रृंखला में सोने का एक अत्यंत विशाल भंडार खोजा है, जिसे दुनिया की सबसे बड़ी संभावित स्वर्ण खोजों में से एक माना जा रहा है. शुरुआती भूवैज्ञानिक अनुमानों के अनुसार, यहां 1,000 टन से अधिक सोना मौजूद हो सकता है. यह खोज पिछले एक वर्ष में चीन द्वारा मिली तीसरी बड़ी स्वर्ण उपलब्धि है. इससे पहले लियाओनिंग और हुनान प्रांतों में भी 1,000 टन से अधिक के सोने के स्रोत मिले थे. 

वैज्ञानिकों ने कुनलुन क्षेत्र में कुल 87 स्वर्ण-समृद्ध स्थानों की पहचान की है, जिनमें से छह स्थान प्रमुख माने गए हैं. विशेष रूप से ऊपरी 300 मीटर की परतों में सोना खनन योग्य स्तर पर उपलब्ध है.

चीन में लगभग 3,000 टन सोना अनमाइन्ड!

इससे पहले दुनिया की बड़ी सोने की खानें सामान्यतः कुछ सौ टन के भंडार वाली होती थीं. विशेषज्ञों का मानना था कि चीन में लगभग 3,000 टन सोना अनमाइन्ड है, लेकिन नई खोजों ने यह धारणा बदल दी है और संकेत दिए हैं कि चीन के पास अनुमान से कहीं अधिक विशाल स्वर्ण भंडार मौजूद हो सकता है.

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गोल्ड रिजर्व : भारत-चीन में तुलना

गोल्ड रिजर्व की तुलना में भी चीन आगे है. 8 अक्टूबर 2025 तक चीन का कुल स्वर्ण भंडार 2,279.56 टन है, जो भारत के 876.18 टन से लगभग तीन गुना है. हालांकि चीन के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का अनुपात केवल 5% है, जबकि भारत में यह 9.3% है. इस आधार पर चीन दुनिया का पांचवां और भारत सातवां सबसे बड़ा गोल्ड रिजर्व धारक है.

एआई, अत्याधुनिक रडार और उन्नत सैटेलाइट

इस बढ़ते स्वर्ण खोज अभियान के पीछे चीन की हाईटेक खोज तकनीकें मुख्य भूमिका निभा रही हैं. चीन एआई, अत्याधुनिक ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार और उन्नत सैटेलाइट तकनीक का उपयोग कर रहा है. 2018 में बनाए गए विशाल क्रॉस-शेप एंटेना सिस्टम ने धरती की गहराई में मौजूद खनिजों की सटीक पहचान को संभव बनाया है. 

इस तकनीक की मदद से लिथियम, यूरेनियम, दुर्लभ धातुएं, तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार ढूंढने में भी सफलता मिली है. इसके परिणामस्वरूप चीन की वैश्विक खनिज आपूर्ति श्रृंखला और अधिक मजबूत हो गई है. बता दें कि शिनजियांग और विशेषकर कुनलुन पर्वत क्षेत्र को प्राचीनकाल से ही खजानों का केंद्र माना जाता रहा है. वर्तमान खोजों ने इस ऐतिहासिक मान्यता को आधुनिक वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ और पुख्ता कर दिया है.

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