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अब तोरई से मिलेगा फाइटर जेट को सुरक्षा कवच, इस देश ने ढूंढ निकाली नई तकनीक, यहां जानें सारी डिटेल्स

China Stealth Radar Technology: चीन द्वारा विकसित इस तकनीक की मूल अवधारणा तोरई की प्राकृतिक फाइबर संरचना पर आधारित है, जो अपनी तरह में पहली बार है.

By: Shubahm Srivastava | Published: November 28, 2025 12:42:36 AM IST



China Stealth Technology: तोरई जैसी साधारण और हल्की-फुल्की सब्जी को लेकर एक हैरान करने वाली वैज्ञानिक प्रगति सामने आई है, जिसने दुनिया की हाई-टेक स्टील्थ तकनीक में हलचल मचा दी है. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और सरकारी एयरोस्पेस कंपनी Casic ने दावा किया है कि उन्होंने तोरई के अंदर पाए जाने वाले प्राकृतिक 3D फाइबर नेटवर्क को एक ऐसी विशेष कोटिंग में बदलने का तरीका खोज लिया है, जो किसी भी लड़ाकू विमान या जासूसी विमान को स्पेस-बेस्ड रडार से लगभग अदृश्य बना सकती है. यह दावा रणनीतिक और सैन्य दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

चीन ने ढूंढ निकाली नई तकनीक!

चीन द्वारा विकसित इस तकनीक की मूल अवधारणा तोरई की प्राकृतिक फाइबर संरचना पर आधारित है. इतिहास में तोरई का इस्तेमाल क्लियोपेट्रा जैसी हस्तियों द्वारा त्वचा की सफाई के लिए किया जाता था, लेकिन आधुनिक विज्ञान ने इसके फाइबर को उन्नत रूप में बदलने का तरीका खोज लिया है. वैज्ञानिक पहले तोरई के रेशों को विशेष प्रक्रिया से कार्बन स्ट्रक्चर में बदलते हैं. 

इसके बाद इस कार्बन ढांचे में निकेल और कोबाल्ट से बने नैनो-पार्टिकल्स जोड़े जाते हैं. यह संयोजन मिलकर एक ऐसा मैटेरियल तैयार करता है जो रेडार तरंगों को 99.99% तक अवशोषित कर सकता है.

रडार पर फाइटर जेट दिखेंगे छोटे पक्षी!

चीन के वैज्ञानिकों का दावा है कि यह अल्ट्रा-एब्जॉर्प्शन कोटिंग 50 वर्ग मीटर के रडार क्रॉस-सेक्शन वाले जेट को सिर्फ 1 वर्ग मीटर या उससे भी कम सिग्नेचर में बदल सकती है. इसका मतलब है कि बड़े फाइटर जेट या जासूसी विमान भी रडार पर किसी छोटे पक्षी या ड्रोन जितने छोटे दिख सकते हैं. यह नई कोटिंग मात्र 4 मिलीमीटर मोटी होती है और हल्की भी, जिसका मतलब है कि इसे किसी भी विमान के बाहरी ढांचे पर आसानी से लगाया जा सकता है, बिना एयरोडायनेमिक्स या वजन में बड़े बदलाव किए.

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सस्ती, हल्की और अधिक प्रभावी तकनीक

इस तकनीक का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह पारंपरिक स्टील्थ कोटिंग्स की तुलना में सस्ती, हल्की और अधिक प्रभावी बताई जा रही है. पारंपरिक स्टील्थ तकनीक में आमतौर पर जटिल पेंट, विशेष बाहरी डिज़ाइन और भारी सामग्री का उपयोग होता है, जबकि तोरई-आधारित यह कोटिंग प्राकृतिक संरचना पर आधारित है और उत्पादन लागत भी कम हो सकती है.

“तोरई स्टील्थ” सैन्य संतुलन में लेकर आएगा बड़ा बदलाव!

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि चीन का दावा तकनीकी परीक्षणों में सही साबित होता है, तो यह वैश्विक सैन्य संतुलन में बड़ा बदलाव ला सकता है. स्पेस-बेस्ड रडार आधुनिक युद्धक रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और उनसे अदृश्य होना बेहद कठिन होता है. ऐसे में यह नई “तोरई स्टील्थ” तकनीक दुनिया के स्टील्थ प्लेटफ़ॉर्म और रडार-आधारित निगरानी प्रणालियों के लिए एक नई चुनौती पैदा कर सकती है.

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