Home > विदेश > इधर कीव को हथियाने में मशरूफ थे Putin, उधर छोटा सा देश निकला हाथ से…रूसी राष्ट्रपति को लगा अब तक का सबसे बड़ा झटका

इधर कीव को हथियाने में मशरूफ थे Putin, उधर छोटा सा देश निकला हाथ से…रूसी राष्ट्रपति को लगा अब तक का सबसे बड़ा झटका

Armenia Azerbaijan Peace Deal : आर्मेनिया और अजरबैजान पहली बार रूस के बिना ही शांति समझौते की दिशा में बढ़ रहे हैं। अबू धाबी में दोनों देशों के नेता मिल रहे हैं ताकि इस दशकों पुराने झगड़े को खत्म किया जा सके।

By: Shubahm Srivastava | Published: July 10, 2025 8:52:06 PM IST



Armenia Azerbaijan Peace Deal : हाल के समय में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को एक के बाद एक कई झटके लगे हैं। अब जो खबर सामने आ रही है वो भी किसी झटके से कम नहीं है। असल में जब पुतिन अपना पूरा ध्यान यूक्रेन के कीव पर कब्जा करने में लगाए हुए हैं, उस वक्त उनकी नाक के नीचे से उनका एक पुराना साथी ने साथ छोड़ दिया है। यहां पर हम आर्मेनिया की बात कर रहे हैं। जो इस वक्त रूस का साथ छोड़ रोप से हाथ मिलाकर नई राह पर निकल पड़ा है।

इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि आर्मेनिया और अजरबैजान पहली बार रूस के बिना ही शांति समझौते की दिशा में बढ़ रहे हैं. अबू धाबी में दोनों देशों के नेता मिल रहे हैं ताकि इस दशकों पुराने झगड़े को खत्म किया जा सके।

कराबाख जंग में शांत रहा रूस

आर्मेनिया में यह बदलाव अचानक नहीं आया है। दरअसल, सितंबर 2023 में, जब अज़रबैजान ने नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र पर पूरी तरह से कब्ज़ा कर लिया था। यह वही इलाका है जिस पर पिछले 40 सालों से आर्मेनिया और अज़रबैजान एक-दूसरे से लड़ते रहे हैं, और रूस हमेशा बीच में बड़े भाई की तरह खड़ा रहा है। लेकिन इस बार जब अज़रबैजान ने बिजली की गति से काराबाख पर कब्ज़ा कर लिया, तो रूस बस चुपचाप देखता रहा। इस बार आर्मेनिया को समझ आ गया कि मुसीबत में रूस पर भरोसा करना बेकार है।

आर्मेनिया में तख्तापलट की साजिश

रूस ने आर्मेनिया को वापस अपने पक्ष में लाने की बहुत कोशिश की, लेकिन नाकाम रहा। हाल ही में, आर्मेनिया में तख्तापलट की एक साजिश भी पकड़ी गई थी जिसमें चर्च और एक रूसी मूल के अरबपति का नाम सामने आया था। प्रधानमंत्री पशिनयान ने साफ़ किया कि ये सब रूस समर्थित ताकतों की साज़िशें हो सकती हैं, जो देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रही हैं।

EU में शामिल होगा आर्मेनिया!

2025 की शुरुआत में, आर्मेनिया की संसद ने यूरोपीय संघ में शामिल होने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए एक विधेयक पारित कर दिया, जिसका मतलब है कि अब वह रूस की कक्षा से बाहर निकलकर सीधे यूरोप की ओर बढ़ गया है। हालाँकि फिलहाल नाटो की कोई चर्चा नहीं है, लेकिन यह रूस के लिए एक बड़ा झटका है। जिस देश को वह अपना विश्वासपात्र मानता था, वह अब पश्चिम की ओर देख रहा है।

भारत नहीं बल्कि इस छोटे से देश ने बढ़ा दी चीन की टेंशन, जमीन हड़पना चाह रहा था ड्रैगन…US ने खराब कर दिया पूरा प्लान!

‘सीने पर गलत तरीके से रखा हाथ , कपड़े उतारने को कहा…’ पुजारी ने आशीर्वाद देने के बहाने अभिनेत्री के साथ किया शोषण

Advertisement