Israel-Iran War: जहां ट्रंप नेतन्याहू गाजा पर पूरी तरह से कब्जा करने का प्लान बना रहें है। वहीं इस बात की भी अशंका जताई जा रही है कि इजरायल और अमेरिका दूबारा ईरान पर हमला कर सकते हैं। बता दें अमेरिका ईरान पर लगातार ईरान के परमाणु कार्यकम को ठप करने का दबाव बना रहा है। वहीं ईरान ने अमेरिका से साफ कह दिया है कि वह यूरेनियम एनरिचमेंट जारी रखेगा। जिससे डर है हि कहीं ईरान पर अमेरिका और इजरायल एक बार और हमला ना कर दें। वहीं सर्वोच्च नेता के एक करीबी ने ईरान पर दोबारा हमला न करने की अमेरिका की मजबूरी का खुलासा किया है।
जंग को लेकर धर्मगुरु ने क्या कहा ?
अली ख़ामेनेई के कार्यालय के एक वरिष्ठ धर्मगुरु ने शुक्रवार को कहा कि वाशिंगटन ईरान के खिलाफ एक और सैन्य संघर्ष शुरू करने में सक्षम नहीं है और ऊर्जा की बढ़ती कीमतों के जोखिम से विवश है। अली सैदी ने कहा, “आज, फिर से युद्ध शुरू करने की बात हो रही है, लेकिन ऐसा लगता है कि दुश्मन के पास दोबारा हमला करने की क्षमता नहीं है और वह ईरान की ताकत से डरता है। अमेरिकी भी 150 डॉलर प्रति बैरल तेल की संभावना से डरे हुए हैं और ऐसी स्थिति बर्दाश्त नहीं कर सकते।”
हालाँकि, उन्होंने यह भी कहा कि अभी हमले का कोई खतरा नहीं है, लेकिन सशस्त्र बलों को सतर्क रहना चाहिए और अपने संचार को मजबूत करना चाहिए। इस बयान से एक दिन पहले, ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली लारीजानी ने सुझाव दिया था कि अमेरिका के साथ बातचीत संभव हो सकती है, बशर्ते यह किसी वास्तविक समाधान की ओर निर्देशित हो।
Trump Tariff: दिग्गज अर्थशास्त्री ने लगाई Trump की क्लास, भारत की स्वतंत्र विदेश नीति को सराहा…
क्या तेल की कीमतें बढ़ेंगी?
अगर ईरान के खिलाफ कोई बड़ा युद्ध छिड़ जाता है, तो इससे दुनिया भर में तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं। 12 दिनों तक चले संघर्ष के दौरान भी, ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी दी थी। दुनिया का लगभग 20 प्रतिशत तेल होर्मुज के रास्ते ही जाता है। अगर ईरान इसे बंद कर देता है, तो दुनिया भर में तेल की कीमतें आसमान छू सकती हैं। इसके अलावा, ईरान खुद तेल और गैस का एक प्रमुख उत्पादक है।

