US: रविवार को दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसेना के दो अलग-अलग हवाई हादसे हुए, जिसमें एक हेलीकॉप्टर और एक लड़ाकू विमान समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गए. हालांकि दोनों ही दुर्घटनाओं में चालक दल के सभी पांच सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया गया.
उड़ान भरते समय हो गया दुर्घटनाग्रस्त
अमेरिकी प्रशांत बेड़े के अनुसार, पहली घटना स्थानीय समयानुसार दोपहर लगभग 2:45 बजे हुई, जब “बैटल कैट्स” स्क्वाड्रन 73 का एक MH-60R सी हॉक हेलीकॉप्टर विमानवाहक पोत यूएसएस निमित्ज़ से उड़ान भरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
तीन सदस्यों को सुरक्षित बचाया गया
कैरियर स्ट्राइक ग्रुप 11 के खोज और बचाव दल ने तुरंत कार्रवाई की और चालक दल के सभी तीन सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया.
लगभग 30 मिनट बाद, दोपहर 3:15 बजे, “फाइटिंग रेडहॉक्स” स्क्वाड्रन 22 का एक F/A-18F सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमान भी उसी जहाज से उड़ान भरने के बाद समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विमान में सवार दोनों पायलट समय रहते पैराशूट से उतरने में सफल रहे और बाद में उन्हें सुरक्षित बचा लिया गया.
अमेरिकी नौसेना ने क्या कहा?
अमेरिकी नौसेना ने एक बयान जारी कर कहा कि सभी पांचों कर्मियों की हालत स्थिर है और उन्हें चिकित्सा मूल्यांकन के लिए भेज दिया गया है. दोनों दुर्घटनाओं के कारणों की जांच अभी जारी है.
साउथ चाइना सी में चीन का दबदबा
पिछले दो दशकों मेंचीन ने दक्षिण चीन सागर में अपने क्षेत्रीय दावों को मजबूत करने के लिए वहां सैन्य ठिकाने बनाए हैं. इससे अमेरिका की उस कोशिश को चुनौती मिली है, जिसमें वह इस अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग में मुक्त आवाजाही बनाए रखना चाहता है.
अमेरिकी नौसेना की ये गतिविधियां वाशिंगटन की उस बड़ी रणनीति का हिस्सा हैं, जिसके ज़रिए वह बीजिंग के समुद्री विस्तार का मुकाबला करना चाहता है. खास बात यह है कि विमान दुर्घटनाएं उस समय हुईं जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एशिया दौरे पर थे और इस दौरान उनकी मुलाकात चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से होने वाली थी.
दोनों नेताओं के बीच बातचीत का मुख्य विषय व्यापार है, क्योंकि दोनों देशों ने टैरिफ (शुल्क) से बचने के लिए एक बुनियादी व्यापार समझौते का ढांचा तय किया है. हाल के हफ्तों में दोनों देशों के संबंध खराब हो गए थे, क्योंकि उन्होंने एक-दूसरे पर सख्त आर्थिक कदम उठाए थे, जबकि इससे पहले कुछ महीनों तक स्थिति शांत बनी हुई थी.
यह भी ध्यान देने योग्य है कि ये दुर्घटनाएं उस समय हुईं जब इसी साल की शुरुआत में अमेरिकी नौसेना ने लाल सागर में दो सुपर हॉर्नेट जेट खो दिए थे. नौसेना के अनुसार, एक एफ/ए-18 लड़ाकू विमान की कीमत 60 मिलियन डॉलर (लगभग 500 करोड़ रुपये) से अधिक होती है. यूएसएस निमिट्ज़, जो दुनिया के सबसे बड़े युद्धपोतों में से एक है, अमेरिकी नौसेना का सबसे पुराना विमानवाहक पोत है और इसे अगले साल सेवा से हटाने की योजना है.