Constitution Of Pakistan: भारत के साथ हालिया तनावों के बाद पाकिस्तान ने अपनी सेना को और संवैधानिक रूप से सशक्त करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. कानून मंत्री आजम नजीर तारड़ ने सीनेट में 27वां संवैधानिक संशोधन बिल पेश किया है, जिसके जरिए सेना की शीर्ष कमान को नया ढांचा देने का प्रस्ताव है.
इस संशोधन से फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को नया पद ‘कमांडर ऑफ डिफेंस फोर्सेज’ (CDF) बनाने का रास्ता खुल सकता है — जो तीनों सेनाओं पर सर्वोच्च नियंत्रण रखेगा.
तारड़ ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के हालिया तनावों से स्पष्ट है कि आधुनिक युद्ध की रणनीति बदल चुकी है, इसलिए सेना की भूमिका को संविधान में स्पष्ट रूप से दर्ज करना जरूरी है. कई सैन्य पद वर्तमान में केवल आर्मी एक्ट में हैं, संविधान में नहीं. इस संशोधन के जरिए उन्हें संवैधानिक दर्जा दिया जाएगा.
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क्या और भी ज्यादा शक्तिशाली हो जाएंगे आसिम मुनीर?
प्रस्तावित संशोधन के तहत CDF को संवैधानिक शक्ति और कानूनी सुरक्षा मिलेगी, जिससे मुनीर देश के सबसे शक्तिशाली सैन्य अधिकारी बन सकते हैं. इस बदलाव से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की सैन्य मामलों पर भूमिका सीमित हो सकती है, जबकि सेना का नियंत्रण केंद्र सरकार और प्रांतों पर और मजबूत होगा.
हालांकि, पाकिस्तानी अख़बार डॉन और कई कानूनी विशेषज्ञों ने इस प्रस्ताव पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि यह संशोधन सुधार नहीं, बल्कि सेना की शक्ति बढ़ाने का माध्यम है. विशेषज्ञों के मुताबिक, यह कदम पाकिस्तान में सेना की राजनीतिक व संवैधानिक पकड़ को और मजबूत करेगा. इस प्रस्ताव ने देश में यह बहस छेड़ दी है कि क्या पाकिस्तान में सेना दोबारा सत्ता पर हावी होने जा रही है.
ऑपरेशन सिंदूर से अभी तक डरा हुआ है पाक
यह कदम भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद उठाया गया है, जिसमें भारत ने मई में पीओके में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी. इसके बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की, मगर 10 मई को युद्धविराम की घोषणा हो गई. कुछ दिनों बाद ही आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बना दिया गया — पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा दूसरा मौका है, इससे पहले अय्यूब खान (1959) ने खुद को यह पद दिया था.