Alaska Summit Latest Update: अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन करीब 7 साल बाद आमने-सामने मिले। दुनिया के दो महाशक्ति राष्ट्रपतियों ने 84 महीने बाद हाथ मिलाया। पूरी दुनिया उम्मीद कर रही थी कि यह अहम मुलाकात अलास्का की तरह रूस-यूक्रेन युद्ध पर बर्फबारी लाएगी और महीनों से चल रहे युद्ध का अंत करेगी। अलास्का शिखर सम्मेलन का नतीजा उम्मीदों और अपेक्षाओं के विपरीत रहा। ट्रंप की कोशिशों के बावजूद युद्धविराम पर सहमति नहीं बन पाई। पुतिन अपने विशेष जेट से मॉस्को लौट गए और डोनाल्ड ट्रंप वाशिंगटन।
ट्रंप ने जेलेंस्की को दी नसीहत
हालांकि, ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को नसीहत जरूर दी। उन्होंने साफ कहा कि रूस एक बड़ी ताकत है, इसलिए जेलेंस्की को कोई समझौता करना चाहिए। आपको बता दें कि, रूस पड़ोसी देश यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर अपना अधिकार चाहता है। अलास्का में पुतिन से मुलाकात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को लेकर चौंकाने वाली टिप्पणी की है। ट्रंप ने अपने बयान में कहा, ‘समझौता कर लो… हाँ, देखो रूस एक महाशक्ति है और वे (यूक्रेन) नहीं हैं।’ यह टिप्पणी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी मुलाकात के बाद आई है।
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जेलेंस्की को नहीं किया गया था आमंत्रित
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, शुक्रवार को हुई ट्रंप-पुतिन शिखर वार्ता में जेलेंस्की को आमंत्रित नहीं किया गया था। हालांकि, इससे पहले यूक्रेनी राष्ट्रपति ने यूरोपीय नेताओं से मुलाकात की और बुधवार को ट्रंप के साथ एक वर्चुअल बैठक की। वर्चुअल बैठक में जेलेंस्की ने ट्रंप को चेतावनी दी कि पुतिन शांति की इच्छा जताकर दिखावा कर रहे हैं और वास्तव में उनका उद्देश्य केवल क्षेत्रीय रियायतें हासिल करना है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की टिप्पणी वाशिंगटन और यूरोपीय राजधानियों में बहस छेड़ सकती है, क्योंकि पश्चिमी देशों की आधिकारिक नीति रूस पर दबाव बनाए रखने और यूक्रेन को पूर्ण समर्थन देने की रही है।
साथ ही, ट्रंप के रुख से संकेत मिलता है कि वह संघर्ष के समाधान के लिए समझौते को ही एकमात्र व्यावहारिक विकल्प मानते हैं। यूक्रेन युद्ध अब अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है और रूस और यूक्रेन के बीच किसी भी व्यापक शांति समझौते की संभावना अभी भी कम ही दिखाई देती है। ऐसे में ट्रंप और पुतिन की मुलाकात और उसके बाद दिए गए बयान अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नए सवाल खड़े कर रहे हैं।
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पुतिन ने क्या कहा?
अलास्का में ट्रंप से मुलाकात के बाद पुतिन ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के लिए पिछला दौर बेहद मुश्किल रहा। अमेरिका के साथ संबंधों पर रूसी राष्ट्रपति ने कहा, ‘ईमानदारी से कहें तो शीत युद्ध के बाद से ये अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं और यह हमारे देशों या पूरी दुनिया के लिए अच्छा नहीं है। जाहिर है कि देर-सवेर हालात में सुधार लाना और टकराव से बातचीत की ओर बढ़ना ज़रूरी था।’
यूक्रेन के बारे में पुतिन ने कहा कि हम अमेरिकी प्रशासन और राष्ट्रपति ट्रंप की व्यक्तिगत रूप से यूक्रेनी संघर्ष को सुलझाने में मदद करने की इच्छा, इसके मूल में गहराई से जाने और इसे समझने की उनकी इच्छा देखते हैं। रूस की सभी जायज चिंताओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए और यूरोप और पूरी दुनिया में सुरक्षा क्षेत्र में उचित संतुलन बहाल किया जाना चाहिए।

