Adiala Jail History: जैसा की आप सभी जानते हैं इन दिनों पाकिस्तान में भगदड़ और आक्रोश का मंजर है. और इस आक्रोश की वजह इमरान खान है. वहीं अडियाला जेल जो जेल है जिसमे इमरान खान कैद हैं. ये जेल पाकिस्तान में है, जो राजधानी इस्लामाबाद से सिर्फ़ 15 किलोमीटर दूर, रावलपिंडी शहर के बीचों-बीच है. जानकारी के मुताबिक अडियाला जेल पाकिस्तान की सेंट्रल जेल है. यह पाकिस्तान की सबसे बदनाम और हाई सिक्योरिटी जेलों में से एक जेल है. इस जेल में कई है प्रोफाइल लोगों ने दम तोड़ा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसे 1986 में बनाया गया था. यह नॉर्थ पंजाब की सेंट्रल जेल है. हैरान कर देने वाली बात ये है कि इसका एरिया लगभग 83 एकड़ है. इसकी कैपेसिटी 1,900 कैदियों को रखने की है, लेकिन अक्सर यहां 4,000 से ज़्यादा कैदी ठूंस दिए जाते हैं. वहीं इन 4000 कैदियों में से एक कैदी पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान हैं.
कब्रिस्तान से कम नहीं अडियाला जेल
आपकी जानकारी के लिए बता दें ये जेल इतनी खतरनाक है जिसमे जाने से पहले आरोपी को रूह कांप जाए, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अडियाला जेल की दीवारें 30 फीट ऊंची हैं. वो बिजली के तारों से घिरी हुई हैं, और हथियारबंद गार्ड तैनात रहते हैं. इस जेल से भागने की कोशिश भी करना नामुमकिन है. यह जेल सिर्फ आम अपराधियों के लिए ही नहीं बनवाई बल्कि इसे राजनीतिक हस्तियों के लिए भी बनवाई गई है, जिसे “राजनीतिक कब्रिस्तान” भी कहा जाता है. वहीं आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि पंजाब जेल डिपार्टमेंट के तहत आने वाली यह जेल 1894 के प्रिज़न एक्ट के तहत चलती है. यहां बैरक 36 लोगों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, लेकिन एक बैरक में 150 कैदी ठूस दिए जाते हैं. इतना ही नहीं बल्कि इस जेल को कैदियों के लिए जहन्नुम की तरह बना दिया जाता है. इतना ही नहीं ब्लकि यहां कैदियों को अक्सर फर्श पर सोना पड़ता है.
काले राजनीतिक इतिहास से भरे हैं अडियाला जेल के पन्ने
अडियाला का इतिहास कोई छोटा मोटा इतिहास नहीं है. इस जेल से एक नहीं बल्कि कई राजनीतिकार जुड़े हुए हैं. कई हाई प्रोफाइल लोग ऐसे हैं जिन्होंने इस जेल में अपनी उम्र काट दी है. दरअसल, 1970 के दशक से, यह जेल पाकिस्तानी राजनीति के बड़े नामों की जेल रही है. सबसे मशहूर कैदी पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो थे, जिन्हें 4 अप्रैल, 1979 को इसी जेल में फांसी दी गई थी. उनकी बेटी बेनजीर भुट्टो को भी यहीं कैद किया गया था. वहीं 1980 में, पुरानी जेल को तोड़कर एक नई जेल बनाई गई. यह 1986 में काम करने लगी. इसकी जगह जिन्ना पार्क बनाया गया. पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ को भी 2018 में पनामा पेपर्स केस में 10 साल की सजा काटते हुए इसी जेल में रखा गया था. उनकी बेटी मरियम नवाज और भाई शाहबाज शरीफ भी अडियाला के मेहमान थे. पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी (2012) और आसिफ अली जरदारी (2008) ने भी यहां समय बिताया था. जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ को हाउस अरेस्ट कर लिया गया था, लेकिन अडियाला ने कई मिलिट्री अफ़सरों को जेल में डाल दिया. 2002 में फ्रेंच राइटर ऑड ओलिवियर समेत कई विदेशी पत्रकारों को भी जेल में डाला गया था.
अडियाला जेल इमरान खान की जेल की कोठरी है
दरअसल, इस जेल में भुट्टो परिवार से लेकर शरीफ़ खानदान तक के कई बड़े दिग्गजों ने अपनी उम्र काट दी है. वहीं हाल ही में, 2025 के एक वीडियो में बताया गया था कि यहाँ कई हाई-प्रोफ़ाइल भागने की घटनाएँ हुईं, जिससे इसकी कमज़ोरियाँ सामने आईं. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अगस्त 2023 में तोशखाना करप्शन केस में अपनी गिरफ़्तारी के बाद से अडियाला जेल में बंद हैं. अडियाला जेल को इमरान खान की जेल की कोठरी भी कहा जा रहा है. इस बीच, अफ़वाहें ज़ोरों पर हैं कि मुनीर ने जेल में इमरान खान को मार डाला है या कुछ गंभीर घटना करवाई है. इमरान के परिवार और सपोर्टर्स का आरोप है कि 21 दिनों से उनकी कोई खबर नहीं है, और किसी को भी उनसे मिलने नहीं दिया गया है. पाकिस्तान की अडियाला जेल रहस्यों और अनजान राज़ों से भरी हुई है. यह जेल अपने टॉर्चर और गंभीर दुर्व्यवहार के लिए जानी जाती है. इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी भी वहां कैद हैं.
क्यों इमरान को डाला गया इस खूंखार जेल में
दरअसल, इमरान खान को इस जेल में इसलिए रखा गया है क्योंकि इस जेल की सिक्योरिटी काफी सख्त है. इसके अलावा, रावलपिंडी इस्लामाबाद कोर्ट के पास है, जहाँ इमरान के ट्रायल चल रहे हैं ये भी एक अहम वजह है. जानकारी के मुताबिक इस जेल को पॉलिटिकल कैदियों के लिए “सेफ” जगह माना जाता है, जिससे उनका भागना मुश्किल हो जाता है. पाकिस्तानी सरकार का तर्क है कि इमरान जैसे पॉपुलर लीडर को कहीं और रखने से “सिक्योरिटी रिस्क” हो सकता है, लेकिन आलोचक इसे “पॉलिटिकल साज़िश” कहते हैं, क्योंकि अडियाला में अकेले कैद और मुश्किल हालात आम हैं. अल-कादिर ट्रस्ट केस में जनवरी 2025 में 14 साल जेल की सज़ा सुनाए जाने के बाद भी वो वहीं हैं.
सड़कों पर उतरा परिवार
साथ ही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उनकी बहनें, अलीमा खान, डॉ. उज़मा खान और नूरीन नियाज़ी, तीन हफ़्तों से उनसे मिलने के लिए परेशान हैं, लेकिन जेल एडमिनिस्ट्रेशन उन्हें उनके भाई से मिलने की इजाजत नहीं दे रहे हैं. हाल ही में, 26 नवंबर, 2025 को जेल के बाहर एक प्रोटेस्ट के दौरान, पुलिस ने बहनों पर जबरदस्त लाठीचार्ज किया, इतना ही नहीं बल्कि इस दौरान उनके बाल बुरी तरह खींचे गए. अलीमा को कुछ समय के लिए न्यायिक हिरासत में रखा गया था, लेकिन बाद में ज़मानत पर रिहा कर दिया गया. बहनें सड़कों पर उतर आईं और ‘इमरान को आज़ाद करो’ के नारे तक लगाने लगीं.