Home > वायरल > बिस्तर पर रहती थीं शाही परिवार की हसीनाएं, इतना जोशीला था ये सन्यासी… जहर देने के बाद भी नहीं निकला था दम, रूस को किया था मुट्ठी में

बिस्तर पर रहती थीं शाही परिवार की हसीनाएं, इतना जोशीला था ये सन्यासी… जहर देने के बाद भी नहीं निकला था दम, रूस को किया था मुट्ठी में

Grigori Rasputin Story: इस भ्रमांड में सैकड़ों लोग ऐसे हैं जिनकी कहानी सुनकर हर किसी के कान फटने लगते हैं। कई लोग ऐसे भी हैं जिनके बारे में जानकर हर किसी के कान सुन पड़ जाता है। आज हम आपको ऐसी ही एक कहानी बताने वाले हैं, वो एक ऐसा चमत्कारी इंसान था जिसकी गूंज आज भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है

By: Heena Khan | Published: August 14, 2025 11:11:34 AM IST



Grigori Rasputin Story: इस भ्रमांड में सैकड़ों लोग ऐसे हैं जिनकी कहानी सुनकर हर किसी के कान फटने लगते हैं। कई लोग ऐसे भी हैं जिनके बारे में जानकर हर किसी के कान सुन पड़ जाता है। आज हम आपको ऐसी ही एक कहानी बताने वाले हैं, वो एक ऐसा चमत्कारी इंसान था जिसकी गूंज आज भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है, जिसे मारने के लिए जहर दिया गया था, जिसे गोली मारी गई थी, इसके बावजूद भी उसकी जान नहीं निकली थी, अजीबोगरीब बात तो ये है कि वो नहाता तक नहीं था, उसके शरीर से अजीब सी बदबू आती थी, इसके बावजूद लड़कियां उसके पीछे पागल रहती थी। आइए जान लेते हैं कौन हैं वो शख्स? 

ऐसे बना सन्यासी 

आज हम बात कर रहे हैं, सनकी  भिक्षु ग्रिगोरी रासपुतिन की, इस शख्स ने  लगभग 300 साल  तक रूस पर राज करने वाले शक्तिशाली रोमन साम्राज्य का अंत कर दिया। दिलचस्प बात ये है कि, एक साधारण किसान था, लेकिन उसने रूस के शाही दरबार को हिलाकर रख दिया। जानकारी के मुताबिक रासपुतिन का जन्म 1869 में साइबेरिया के एक सुदूर गाँव में हुआ था। बचपन में वो किसी एक सामान्य बच्चे की तरह ही थे, हालाँकि धीरे-धीरे उनका झुकाव बाकि चीज़ों की ओर बढ़ता गया और धार्मिक चीज़ों में अपनी रुचि के कारण वो अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल रहे। वहीँ फिर धीरे-धीरे रासपुतिन रहस्यमयी जीवन जीने लगा। उस समय लोग कहने लगे कि उसके पास चमत्कारी शक्तियाँ हैं और इसी वजह से उसकी पहचान बढ़ने लगी। यह बात रूस की रानी एलेक्जेंड्रा फ्योदोरोव्ना तक पहुँची और फिर एक समय ऐसा आया जब रासपुतिन उनके लिए भी वरदान साबित हुआ।

रूस में फैला इस शख्स का खौफ 

जानकारी के मुताबिक, एलेक्जेंड्रा का बेटा एलेक्सी एक दुर्लभ और जानलेवा बीमारी से पीड़ित था। जब डॉक्टर उसका इलाज करने में सफल नहीं हुए, तो ग्रिगोरी रासपुतिन ने उसे ठीक करने का दावा किया और उनके इलाज की वजह से उसकी सेहत में सुधार होने लगा और इस सफलता के बाद रासपुतिन की शाही परिवार से नजदीकियां बढ़ने लगीं।  इतना ही नहीं शाही परिवार से उसकी निकटता ने उसे एक शक्तिशाली ,शख्स बना दिया, लेकिन यह दूसरों के लिए एक बड़ी परेशानी बन गई। लोग उससे ईर्ष्या करने लगे। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, लोग रासपुतिन के प्रभाव को एक ‘अंधेरी शक्ति’ मानने लगे थे। लोगों का कहना था कि वो रूस को बहुत कमज़ोर कर रहा है।

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लड़कियां रहती थीं पागल 

इसके बाद रुसी लोग शाही परिवार से उसकी नज़दीकियों को ग़लत नज़रिए से देखने लगे। धीरे-धीरे यह कहा जाने लगा कि उसके कई महिलाओं से संबंध थे और शराब की लत के कारण वो गंदा व्यवहार करता था। सिर्फ यही नहीं रासपुतिन के एलेक्ज़ेंड्रा के साथ अवैध संबंध थे। खूबसूरत लड़कियाँ उसके पास आने के लिए बेताब रहती थीं। यह आज भी एक रहस्य है कि उसकी मौत कैसे हुई।
          

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