Mughal Harem Dark Secrets: मुगलकाल की कहानियां जब भी सुनने को मिलती हैं वह रोमांचित कर देती हैं. महलों-किलों की ऊंची दीवारें और हरम के रहस्य से तो लोगों की जिज्ञासा को अपने चरम पर ले जाते हैं. इतिहास के पन्ने पलटकर देखें तो उनमें ऐसा जिक्र है कि मुगलों के काल में महिलाओं के रहने के लिए किले में अलग स्थान बनाया जाता था, जिसे हरम कहा जाता था. इस हरम में 50 या 100 महिलाएं नहीं, बल्कि हजारों औरतें रहती थीं. जिनमें ज्यादातर रानियां, रखैलें, दासियां और नौकरानियां होती थीं.
हरम का जीवन लगता तो बहुत आलीशान और शाही था. लेकिन, इसकी असलियत बिल्कुल उलट थी. इन औरतों का जीवन आसान नहीं था. कई बार तो मुगल हरम की औरतें रात-रातभर सोने के लिए तरस जाती थीं.
रात में सोने के लिए क्यों तरस जाती थीं हरम की औरतें?
मुगल हरम (Mughal Harem Women) का जिक्र कई इतिहासकारों ने किया है. जहां ऐसा बताया गया है कि हरम में बादशाह और शहजादे आराम फरमाने के लिए आते थे. उनके आराम के समय मनोरंजन का भी खास इंतजाम किया जाता था. बादशाह का मनोरंजन, संगीत, नृत्य, नाटक और कविताओं से होता था. मनोरंजन की यह गतिविधियां रात-रातभर चलती थीं और हरम की औरतें बादशाह की खिदमत में लगी रहती थीं.

मनोरंजन खत्म होने के बाद बादशाह अपनी पसंद की महिला के साथ बिस्तर पर जाया करते थे. ऐसे में कई ऐसी रातें होती थीं जब हरम की औरतें सोने के लिए तरस जाया करती थीं. इतिहास में झांकने पर मुगल काल की जिंदगी लोगों को विलासिता से भरी लगती है. लेकिन, इस काल की औरतों के पैरों में नियमों और पाबंदियों की कई जंजीरे लिपटी थीं.
इत्र से नहाती थीं हरम की औरतें?
वहीं, दिन चढ़ने के साथ ही मुगल हरम की औरतें अगले दिन की तैयारियों, साज-सजावट और खुद को तैयार करने में लग जाती थीं. कहा जाता है कि हरम की औरतें आम पानी से नहीं नहाती थीं. वह नहाने के लिए इत्र का इस्तेमाल करती थीं या फिर गुलाब जल का. वह इत्र और गुलाब जल से इसलिए नहाती थीं, जिससे उनके शरीर से सुगंध आती रहे और बादशाह-शहजादे उन्हें चुनते रहें. क्योंकि, ऐसा माना जाता है कि हरम में बादशाह की पसंद की महिला को खूब सम्मान मिलता था. इसके अलावा बादशाह भी कीमती तोहफे देते थे.