Categories: वायरल

Independence Day 2025: स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में जमकर क्यों होती है पतंगबाजी, आजादी से इसका क्या कनेक्शन? जानिए इसके पीछे की कहानी

उन्होंने पतंगों पर साइमन गो बैक के नारे लिखकर उन्हें आसमान में उड़ाया था। ये काली पतंगें ब्रिटिश शासन के विरोध का प्रतीक थीं। यह एक रचनात्मक और शांतिपूर्ण तरीका था जिसने लोगों में स्वतंत्रता की भावना को और मज़बूत किया।

Published by Ashish Rai

Independence Day 2025: 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस पर आपने अक्सर आसमान में चारों तरफ रंग-बिरंगी पतंगें उड़ती देखी होंगी। दिल्ली की गलियों से लेकर छतों तक, इस दिन आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से सज जाता है। स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर आपने छोटे बच्चों और बड़ों को पतंग उड़ाते तो देखा ही होगा, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि स्वतंत्रता दिवस पर पतंग उड़ाने की परंपरा क्यों है और इसका आज़ादी से क्या संबंध है? आइए जानते हैं।

Tej Pratap Yadav: भाई ही नहीं बहन भी तेज प्रताप से चल रहीं नाराज, रक्षाबंधन पर लालू के परिवार की खुल गई कलह, क्या इसके…

15 अगस्त पर पतंग उड़ाने की परंपरा

15 अगस्त का दिन दिल्ली में उत्सवी माहौल लेकर आता है। लाल किले पर तिरंगा फहराया जाता है, देशभक्ति के गीत गूंजते हैं और आसमान में पतंगों का मेला सज जाता है। खासकर उत्तर भारत के शहरों जैसे पुरानी दिल्ली, चांदनी चौक और लखनऊ में पतंग उड़ाना स्वतंत्रता दिवस का एक अभिन्न अंग है। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी छतों पर इकट्ठा होकर पतंग उड़ाते हैं। लेकिन यह परंपरा केवल मनोरंजन तक ही सीमित नहीं है, इसके पीछे एक गहरा इतिहास और प्रतीकात्मक अर्थ छिपा है।

पतंग उड़ाने का इतिहास क्या है?

यह परंपरा 1928 में शुरू हुई जब भारत ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में लगा था। उस समय स्वतंत्रता सेनानियों ने साइमन कमीशन के विरोध में एक अनोखा तरीका अपनाया था। उन्होंने पतंगों पर साइमन गो बैक के नारे लिखकर उन्हें आसमान में उड़ाया था। ये काली पतंगें ब्रिटिश शासन के विरोध का प्रतीक थीं। यह एक रचनात्मक और शांतिपूर्ण तरीका था जिसने लोगों में स्वतंत्रता की भावना को और मज़बूत किया।

Related Post

आज़ादी का प्रतीक है पतंग उड़ाना

1947 में आज़ादी के बाद, इस परंपरा ने खुशी और उत्सव का रूप ले लिया था। आज पतंग उड़ाना आज़ादी का प्रतीक है। आसमान में लहराती पतंग यह दर्शाती है कि भारत अब आज़ाद है और हमारी भावनाएँ खुलकर उड़ सकती हैं। खासकर दिल्ली में, तिरंगे के रंगों वाली पतंगें आसमान में देशभक्ति की कहानी बयां करती हैं।

दिल्ली के बाज़ार पतंगों से सज जाते हैं

स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर बाज़ारों में तिरंगी और रंग-बिरंगी पतंगों की दुकानें सज जाती हैं और लोग पूरे जोश के साथ इस परंपरा का पालन करते हैं। लेकिन, दिल्ली में कुछ इलाके ऐसे भी हैं जहाँ पतंग उड़ाने पर सख़्त पाबंदी है। इसका कारण पतंग की डोर से होने वाली दुर्घटनाएँ हैं। पतंग उड़ाने के साथ-साथ सावधानी भी ज़रूरी है। पतंग उड़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि पतंग की डोर से किसी को कोई नुकसान न पहुँचे।

बंद पड़े मकान में मिला 10 साल पुराना कंकाल, मोबाइल में मिली 2015 में की गई 84 मिस्ड कॉल, पूरा मामला जान घूम गया पुलिस…

Ashish Rai
Published by Ashish Rai

Recent Posts

Petrol Diesel Price Today: महंगाई का झटका या राहत? पेट्रोल-डीजल के नए रेट यहां देखें

Petrol Diesel Price Today: सुबह 6 बजे राष्ट्रीय तेल कंपनियां (OMC) ताजा कीमतों की घोषणा…

December 15, 2025

जसप्रीत बुमराह अचानक क्यों हुए टीम से बाहर? क्या पूरी सीरीज से कटेगा पत्ता; BCCI का चौंकाने वाला अपडेट आया सामने

भारत और साउथ अफ्रीका के बीच जारी टी20 सीरीज के बीच जसप्रीत बुमराह का अचानक…

December 15, 2025

कौन हैं साई जाधव? जिन्होंने टेरिटोरियल आर्मी की पहली महिला लेफ्टिनेंट बनकर तोड़ दिया 93 साल का रिकॉर्ड

Sai Jadhav Profile: इन दिनों साई जाधव की चर्चा जोरों पर है. उन्होंने टेरिटोरियल आर्मी…

December 15, 2025

कौन हैं पूर्व IPS श्रीलेखा? केरल की पहली महिला DGP; अब तिरुवनंतपुरम में BJP की पहली मेयर बनने की दौड़ में आगे

केरल में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है. निकाय चुनाव केरल विधानसभा चुनाव के पहले…

December 15, 2025

पंजाब में कबड्डी टूर्नामेंट के दौरान अज्ञात हमलावरों ने की अंधाधुंध फायरिंग, एक खिलाड़ी घायल

Punjab News: पंजाब के सेक्टर 79 में कबड्डी टूर्नामेंट के दौरान अज्ञात मोटरसाइकिल सवार हमलावरों…

December 15, 2025