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सांप के काटने से हुई थी मौत! अब 13 साल बाद हरियाण में जिंदा मिला वही बच्चा

Uttar Pradesh: औरंगाबाद थाना क्षेत्र के सूरजपुर टिकरी गांव में 13 साल पहले सांप के काटने से एक बच्चे की मौत हो गई थी. लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब उसके परिजनों ने उसे हरियाणा में जिंदा पाया है.

By: Mohammad Nematullah | Published: October 25, 2025 10:49:18 PM IST



Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. तेरह साल पहले औरंगाबाद थाना क्षेत्र के सूरजपुर टीकरी गांव में एक बच्चे की सांप के काटने से मौत हो गई थी. हैरानी की बात यह है कि अब उसके परिवार को वह हरियाणा में ज़िंदा मिल गया है. जब सपेरे बंगाली नाथ बाबा बच्चे को घर लाए थे. परिवार और गांव वाले खुशी से फूले नहीं समाए. शनिवार शाम को बाबा बच्चे को वापस अपने आश्रम ले गए.

क्या हुआ था?

करीब 13 साल पहले सूरजपुर टीकरी गांव के निवासी सुखपाल सैनी के 13 साल के बेटे दीपू को जो घास के ढेर से दरांती निकालने गया था. सांप ने काट लिया था जिससे उसकी मौत हो गई थी. परिवार ने दीपू के शव को ब्रजघाट स्थित गंगा में विसर्जित कर दिया था. बताया जाता है कि सपेरे फिर शव को पलवल के नागल गांव स्थित बंगाली नाथ बाबा के आश्रम ले गए. बंगाली नाथ बाबा के अनुसार वह बच्चे के शव को बंगाल में अपने गुरु के यहां ले गए. वहां इलाज के दौरान लड़के की तबियत ठीक हो गई और वे उसे पलवल आश्रम ले आए. उसकी मां सुमन देवी दीपू को ढूंढ़ते हुए आश्रम गईं और अपने बेटे को वहां देखकर दंग रह गईं. शुक्रवार देर शाम जब बंगाली नाथ बाबा दीपू को लेकर सूरजपुर टिकरी गांव स्थित उसके घर पहुंचे तो वहां भारी भीड़ जमा हो गई.

कैसे पहचाना?

दीपू की मां सुमन देवी ने बताया कि वह सालों से सपेरों के डेरों में अपने बेटे को ढूंढ़ रही थीं. जब वह पलवल के नागल गांव स्थित बंगाली नाथ बाबा के आश्रम पहुंची. तो उन्होंने एक युवक को देखा जो उनके बेटे जैसा दिखता था. पास पहुंचने पर सुमन देवी ने उसके कान के पीछे निशान देखकर उसकी पहचान दीपू के रूप में की. उन्होंने उसे अपने साथ ले जाने की कोशिश की लेकिन आश्रम के बाबा ने उन्हें जाने नहीं दिया है.

परिवार के सदस्य दीपू से लिपट गए

खबर मिलते ही दीपू के रिश्तेदार भी आ गए और दीपू को गले लगाकर फूट-फूट कर रोने लगे. सुखपाल सैनी ने बताया कि बंगाली नाथ बाबा शनिवार को अपने बेटे दीपू को अपने साथ आश्रम ले जाएंगे. उन्होंने अपने बेटे को गांव में परिवार के पास छोड़ने से साफ इनकार कर दिया है. दीपू पांच भाई-बहनों में सबसे छोटा है.

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