संजय मिश्रा की रिपोर्ट, Uttar Pradesh: जनपद बहराइच के कैसरगंज थाना क्षेत्र में देर रात एक मासूम बच्ची की रहस्यमयी मौत से इलाके में सनसनी फैल गई। परगपुरवा गाँव की सात वर्षीय ज्योति मंगलवार देर रात अचानक घर से लापता हो गई थी। परिवारजन उसे इधर-उधर तलाशते रहे लेकिन रातभर उसका कोई सुराग नहीं मिला। बुधवार सुबह जब ग्रामीणों ने गाँव के बाहर तलाश शुरू की तो गन्ने के खेत के पास बच्ची का शव बरामद हुआ। शव देखते ही पूरे गाँव में कोहराम मच गया और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि बच्ची के शरीर पर कई जगह गहरे घाव और नोचने के निशान मिले हैं, जिससे यह अंदेशा जताया जा रहा है कि ज्योति किसी जंगली जानवर का शिकार बनी है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि हमला किस जानवर ने किया। ग्रामीणों ने आशंका जताई कि आसपास के जंगलों से तेंदुआ या कोई अन्य खूंखार जंगली जानवर गाँव में आकर हमला कर रहा है।
मिली जानकारी
परिजनों के मुताबिक, मंगलवार रात लगभग 8 बजे ज्योति घर पर खाना खा रही थी। इसी दौरान वह अचानक आंगन से बाहर चली गई और फिर रहस्यमय तरीके से लापता हो गई। पहले तो परिजनों ने सोचा कि वह किसी पड़ोसी के घर गई होगी, लेकिन जब देर रात तक बच्ची का कोई पता नहीं चला तो पूरे गाँव के लोग तलाश में जुट गए। तमाम कोशिशों के बावजूद रातभर बच्ची का कोई अता-पता नहीं चला। सुबह होते ही खोजबीन के दौरान गन्ने के खेत में शव देखकर ग्रामीण दंग रह गए। पूर्व प्रधान ने बताया कि हाल के दिनों में इलाके में कई बार जंगली जानवर देखे जाने की घटनाएँ हो चुकी हैं। इसके बावजूद वन विभाग की तरफ से सुरक्षा इंतज़ाम नहीं किए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग की लापरवाही का खामियाजा अब मासूम की जान जाकर चुकाना पड़ा।
मौके पर पहुंची पुलिस टीम
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुँची। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और वन विभाग की टीम हमलावर जानवर की पहचान में जुटी हुई है। उधर, मासूम की मौत से कैसरगंज इलाके में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने माँग की है कि वन विभाग जल्द से जल्द इस जानवर को पकड़कर इलाके में सुरक्षा का इंतज़ाम करे, वरना लोग बड़े आंदोलन का रास्ता अपनाएँगे।ज्योति की दर्दनाक मौत ने पूरे गाँव को हिला कर रख दिया है। सवाल यह है कि क्या यह जंगली जानवर का हमला था या इसके पीछे कोई और रहस्य छिपा है। फिलहाल सभी की निगाहें वन विभाग की जाँच पर टिकी हैं।
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