Agra Crime News: उत्तर प्रदेश के आगरा से हैरान करने वाला सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां, पुलिस ने हत्याकांड की वारदात का खुलासा करते हुए मृतक राकेश नाम के युवक के फूफा देवी राम सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने राकेश की गला घोंटकर हत्या की थी और फिर बाद में घटना को छुपाने के लिए उसके शव को पेट्रोल डालकर जला दिया था.
क्या ब्लैकमेलिंग बनी मौत की असली वजह ?
पुलिस इस हत्याकांड के पीछे की मुख्य वजह ब्लैकमेलिंग (Blackmailing)को मान रही है. पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि मृतक राकेश का उसकी नाबालिग बेटी से संबंध था. राकेश ने उसकी बेटी का नहाते समय वीडियो बना लिया था और इन तस्वीरों के आधार पर वह उसे ब्लैकमेल (Blackmail)करने की कोशिश करता था. साथ ही आरोपी ने बताया कि अपनी बेटी की सुरक्षा और सम्मान को बचाने के लिए उसने राकेश को हमेशा के लिए खत्म करने का कठोर फैसला लिया था.
आरोपी ने राकेश की कैसे की हत्या
आरोपी ने हत्या की योजना बेहद ही शातिराना (Clever)तरीके से बनाई थी. 18 फरवरी, 2024 की रात, आरोपी देवी राम ने राकेश को अपनी मिठाई की दुकान पर बुलाया. राकेश बिना किसी संदेह के अपने फूफा के बुलावे पर दुकान पर पहुंच गया था. लेकिन उसे क्या पता था कि उसकी मौत उसका इंतजार कर रही है. दुकान पर आने के बाद, जैसे ही राकेश का ध्यान भटका, देवी राम ने पीछे से मफलर (Muffler)और लोहे का तार (Iron Rod)लपेटकर उसका गला घोंट दिया.
आरोपी वारदात के बाद नहीं मिटा सका सबूत
वारदात को अंजाम देने के बाद, आरोपी ने सोचा कि वह सारे सबूतों को अच्छी तरह से मिटा देगा. लेकिन वो कहते हैं न, चोर चाहे कितनी भी चोरी क्यों ने करले आखिर में कुछ निशान रह ही जाते हैं. ऐसा ही ठीक आरोपी के साथ भी हुआ. उसने राकेश का मोबाइल फोन, जिससे ब्लैकमेलिंग की गई थी, और गला घोंटने में इस्तेमाल किए गए मफलर और तार को खारी नदी में फेंक दिया. उसकी बाइक को हाईवे के किनारे छोड़ दिया गया ताकि यह लगे कि राकेश कहीं गायब हो गया है.
लेकिन उसकी योजना पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई. एक दिन बाद यानी 20 फरवरी, 2024 को थाना सैंया पुलिस को एक अधजला शव मिला. इससे पहले ही, पुलिस को राकेश की गुमशुदगी (Missing)की शिकायत मिल चुकी थी. पुलिस ने बिना किसी देर के शव को डीएनए (DNA)परीक्षण के लिए भेज दिया.
पुलिस ने आरोपी को कैसे किया गिरफ्तार
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, मलपुरा थाने की पुलिस टीम, सर्विलांस सेल और एसओजी (SOG) को लगाया गया. उन्होंने मृतक और आरोपी के बीच के संबंधों, कॉल रिकॉर्ड्स (Call Records)और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों (Electronic Gadgets)का विश्लेषण किया. और लंबे समय की पड़ताल के बाद, पुलिस को देवी राम के ठिकाने के बारे में जानकारी मिली. 15 सितंबर, 2025 को पुलिस ने आरोपी देवी राम को जगदीशपुर पुल के पास से गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस की पूछताछ के दौरान, देवी राम ने पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया. उसने बताया कि कैसे उसने राकेश को अपनी दुकान पर बुलाया, उसकी हत्या की, और फिर शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की. इसके अलावा उसने यह भी स्वीकार किया कि राकेश ने उसकी नाबालिग बेटी का वीडियो बनाया था, जिसके कारण उसे यह कदम उठाना पड़ गया.