हरदोई से आलोक सिंह की रिपोर्ट
UP News: हरदोई के शाहाबाद कोतवाली क्षेत्र में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत के बाद बवाल मच गया। परिजन और ग्रामीण डेडबॉडी लेकर थाने पहुंचे और लखनऊ-पलिया हाईवे पर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंचे एएसपी पश्चिमी मार्तंड प्रकाश सिंह और संभ्रांत नागरिक लोगों को समझाने में जुटे रहे।
लगातार पांच दिन तक हिरासत में युवक
मृतक युवक की पहचान रवि के रूप में हुई है, जिसे 27 अगस्त 2025 को पुलिस ने हिरासत में लिया था। पुलिस ने रवि को एक लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने के आरोप में हिरासत में लिया था। परिजनों का आरोप है कि रवि को लगातार पांच दिन तक हिरासत में रखा गया और रविवार शाम 6:30 बजे परिजन उसे खाना देकर लौटे थे। कुछ देर बाद पुलिस ने फोन कर बताया कि रवि की तबीयत बिगड़ गई है और उसे सीएचसी शाहाबाद ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
मौत की खबर फैलते ही आक्रोशित परिजन और ग्रामीण
मौत की खबर फैलते ही आक्रोशित परिजन और ग्रामीण हाईवे पर जाम लगाने पहुंच गए। सूचना पर एसपी नीरज कुमार जादौन भी मौके पर पहुंचे और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा इतना बढ़ा हुआ था कि उन्होंने शाहाबाद कोतवाली को घेर लिया और उग्र प्रदर्शन किया।
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परिजनों की शिकायत पर विवेचक उपनिरीक्षक वरुण कुमार शुक्ला को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही PRV-112 के दो पुलिसकर्मियों, अन्य पुलिसकर्मियों और लड़की के परिजनों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच एएसपी पूर्वी की निगरानी में क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है।
आज पोस्टमार्टम के बाद फिर से प्रदर्शन
आज पोस्टमार्टम होने के बाद डेड बॉडी को जब परिजन अपने गांव ले जा रहे थे, तो कोतवाली के सामने फिर से इन लोगों ने उग्र प्रदर्शन कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी बात नहीं सुनी और अभी तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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यह मामला एक बार फिर से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। पुलिस को चाहिए कि वे इस मामले की निष्पक्ष जांच करें और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। ग्रामीणों को न्याय मिलने की उम्मीद है और वे अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।
मामले की गंभीरता को समझ दोषियों पर हो कार्रवाई
अब देखना यह है कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं और ग्रामीणों की समस्या का समाधान कैसे करते हैं। ग्रामीणों को न्याय मिलने की उम्मीद है और वे अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।

