UP News: 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का विरोध प्रदर्शन, कलेक्ट्रेट में दिया धरना

UP News: अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां विकास भवन से जुलूस निकालते हुए कलेक्ट्रेट तक पहुंचीं।

Published by Swarnim Suprakash

देवरिया, उत्तर प्रदेश से घनश्याम मिश्र की रिपोर्ट 
UP News: जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का आक्रोश एक बार फिर सड़कों पर दिखाई दिया। अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां विकास भवन से जुलूस निकालते हुए कलेक्ट्रेट तक पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गईं।

कई वर्षों से केवल आश्वासन मिल रहे हैं लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं

धरने के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का गुस्सा साफ देखने को मिला। “हमारी मांगें पूरी करो”, “आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का सम्मान दो” जैसे नारों से कलेक्ट्रेट परिसर गूंज उठा। महिलाओं का कहना था कि वे वर्षों से मेहनत कर रही हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों की लगातार अनदेखी कर रही है।
मानदेय में उचित और सम्मानजनक वृद्धि ,सेवा को स्थायी किया जाए, समय पर मानदेय भुगतान की व्यवस्था, रिटायरमेंट के बाद पेंशन एवं लाभ ,महिलाओं ने यह भी आरोप लगाया कि कई वर्षों से केवल आश्वासन मिल रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

पुरानी उपेक्षा के खिलाफ चेतावनी

गौरतलब है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का यह विरोध प्रदर्शन एक दिन का आवेश नहीं, बल्कि वर्षों से चल रही उपेक्षा का परिणाम है। कार्यकर्त्रियों ने पहले भी कई बार अपनी समस्याओं को लेकर आवाज उठाई है, लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से हर बार आश्वासन देकर मामले को टाल दिया गया।अब कार्यकर्त्रियों ने चेतावनी दी है कि अगर इस बार भी उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं हुआ, तो यह आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है।

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सुरक्षा व्यवस्था रही सतर्क, माहौल रहा तनावपूर्ण

धरने के दौरान कलेक्ट्रेट परिसर में पुलिस बल की तैनाती की गई थी ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। हालांकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन कार्यकर्त्रियों के चेहरे पर गुस्सा और निराशा दोनों साफ झलक रहे थे ।
अब सवाल उठता है कि क्या सरकार और जिला प्रशासन इन महिलाओं की आवाज़ को सुनेगा? या फिर हमेशा की तरह ज्ञापन लेकर फाइलों में दबा दिया जाएगा?

सिस्टम की असंवेदनशीलता के खिलाफ एक गंभीर चेतावनी

इस बार आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का प्रदर्शन केवल मांगों की गूंज नहीं, बल्कि सिस्टम की असंवेदनशीलता के खिलाफ एक गंभीर चेतावनी है। यदि जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो यह आंदोलन जिला स्तर से उठकर प्रदेशव्यापी आंदोलन में तब्दील हो सकता है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का यह विरोध प्रदर्शन सरकार के लिए एक सीधा संदेश है कि अब सब्र की सीमा पार हो चुकी है। अब देखना है कि क्या यह आवाज़ शासन तक पहुंचेगी या फिर यह भी अन्य आंदोलनों की तरह अनसुनी रह जा रही है।  

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