रजनेश यादव की रिपोर्ट, Sambhal Seasonal Diseases, UP: मौसम में अचानक आए बदलाव ने संभल जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह से हिला कर रख दिया है। जिले में मौसमी बीमारियों का प्रकोप इस कदर बढ़ गया है कि जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना आने वाले मरीजों की संख्या 2000 के आंकड़े को पार कर गई है। मरीजों की इस भारी भीड़ के कारण स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमरा गई है। सबसे ज़्यादा मरीज वायरल फीवर, सर्दी-जुकाम और त्वचा संक्रमण से पीड़ित होकर अस्पताल पहुँच रहे हैं।
इंतज़ार की लंबी कतार और चरमराती व्यवस्था
सुबह होते ही जिला अस्पताल के बाहर मरीजों की लंबी कतारें लग जाती हैं। हर मरीज़ को पहले पर्ची बनवाने, फिर डॉक्टर को दिखाने और उसके बाद दवा लेने के लिए घंटों तक इंतज़ार करना पड़ रहा है। अस्पताल परिसर में गाड़ियों को खड़ा करने की भी जगह नहीं बची है, जिससे मरीजों और उनके तीमारदारों को और भी परेशानी हो रही है। एक तरफ जहां लोग बीमारी से बेहाल हैं, वहीं दूसरी तरफ अस्पताल की अव्यवस्था उनकी तकलीफ को और बढ़ा रही है। मरीजों का कहना है कि इंतज़ार की यह लंबी प्रक्रिया उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से और थका रही है।
मौसम बदलाव के कारण वायरल संक्रमण
जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक, डॉ. सचिन कुमार ने इस स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के कारण वायरल संक्रमण बहुत तेज़ी से फैल रहा है, यही वजह है कि मरीजों की संख्या में अचानक इतनी बढ़ोतरी हुई है। डॉ. कुमार ने यह भी स्वीकार किया कि मरीजों की संख्या उम्मीद से कहीं ज़्यादा है, जिससे व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ा है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली
वहीं, संभल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत भी कुछ ख़ास अच्छी नहीं है। बहजोई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति तो और भी दयनीय है, जहां सीएमओ का दफ्तर भी है। मरीजों की भारी भीड़ के बावजूद, कई डॉक्टर अपने ओपीडी कक्ष से गायब रहते हैं, जबकि कुछ डॉक्टर एयर कंडीशनर वाले कमरों में आराम करते नज़र आए। मरीजों को बिना किसी सुविधा के धूप और गर्मी में अपनी बारी का इंतज़ार करना पड़ रहा है।
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केंद्रों पर व्यवस्था की कमी
इन केंद्रों पर न तो उचित बैठने की व्यवस्था है और न ही साफ़-सफाई का ध्यान रखा जा रहा है। एक मरीज़ ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा, “हम पहले ही बीमार हैं, लेकिन इन सरकारी अस्पतालों की अव्यवस्था देखकर तो लगता है कि हम और भी बीमार हो जाएँगे।” यह स्थिति सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं पर कई गंभीर सवाल खड़े करती है, और ज़रूरी है कि इस ओर जल्द से जल्द ध्यान दिया जाए ताकि आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल सकें।
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