Noida SIR voter verification: तेज वोटर वेरिफिकेशन अभियान से चुनाव अधिकारीयों को लगभग 1% ऐसे वोटरों का पता लगाने में मदद मिली है. जिन्हें स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) एक्सरसाइज के तहत गैर-मौजूद या लापता घोषित किया गया था. इससे इस महीने के आखिर में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पब्लिश होने से पहले गैर-मौजूद वोटरों की लिस्ट छोटी करने में मदद मिली है.
अधिकारियों ने बताया कि बूथ-लेवर अधिकारियों (BLOs) द्वारा घर-घर जाकर किए गए लगातार सर्वे, वीकेंड वेरिफिकेशन कैंप और जनगणना के दौरान छूट गए वोटरों द्वारा देर से जमा की गई डिटेल्स को ध्यान में रखते हुए. लगभग 18000 वोटर का पता लगाया गया है. उनके नाम 10 दिसंबर को पब्लिश ड्राफ्ट लिस्ट शामिल हो गया है.
पहले के अनुमानों के अनुसार जिले के लगभग 1.3 लाख वोटरों (नोएडा, दादरी और जेवर विधानसभा क्षेत्रों में फैले हुए) में से लगभग 7.2% को ‘गैर-मौजूद शिफ्टेड या मृत’ (ASD) कैटेगरी में रखा गया था.
चुनाव अधिकारी ने जानकारी दी
अतिरिक्त जिला चुनाव अधिकारी अतुल कुमार ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों की बढ़ी हुई भागीदारी ने भी इसमें भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा ‘चूंकि ASD लिस्ट राजनीतिक पार्टियों के ब्लॉक-लेवल एजेंटों के साथ शेयर की गई थी. इसलिए पहले गैर-मौजूद के रूप में दर्ज कई वोटरों को उनके द्वारा सामने लाया गया है.’ उन्होंने आगे कहा कि ‘इसके अलावा BLOs ने बूथ-लेवल कैंपों में गैर-मौजूद वोटरों की लिस्ट सार्वजनिक रूप से घोषित की है. जिससे स्थानीय स्तर पर लोगों का पता लगाने में मदद मिलेंगी.
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हालांकि अधिकारियों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि किसी वोटर का पता लगाने का मतलब यह नहीं है कि उनका नाम वोटर लिस्ट में अपने आप शामिल हो जाएगा. कुमार ने आगे कहा कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल करने से पहले BLOs द्वारा ऐसे हर मामले को अलग-अलग वेरिफाई किया जाएगा.
अधिकारी ने क्या कहा?
हालांकि कुल संख्या में बदलाव सीमित दिख रहा है. अधिकारियों ने कहा कि इसका असर इस जिले के लिए महत्वपूर्ण है, जहां तेज़ी से शहरीकरण किराए के मकान और काम के लिए बार-बार माइग्रेशन के कारण आबादी बहुत ज़्यादा बदलती रहती है. उन्होंने बताया कि जिन वोटरों का अभी तक पता नहीं चला है, उनमें से कई शायद अस्थायी रूप से गैर-मौजूद होने के बजाय स्थायी रूप से जिले से बाहर चले गए है.
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अधिकारियों ने बताया कि SIR प्रक्रिया अब लगभग पूरी हो चुकी है. जिसमें लगभग 100% फील्डवर्क पूरा हो गया है. लगभग 76% वोटर फॉर्म BLO ऐप पर अपलोड किए गए है और 2003 की वोटर लिस्ट से मिलाए गए है. इनमें से लगभग 11% पुरानी लिस्ट से नहीं मिल पाए. बाकी 24% वोटर अभी भी ASD (गैर-मौजूद, शिफ्टेड, या मृत) कैटेगरी में आते है. उत्तर प्रदेश में वोटर लिस्ट (SIR) के लिए जनगणना की अवधि जो पहले 11 दिसंबर को खत्म होने वाली थी. उसे बढ़ाकर 26 दिसंबर कर दिया गया है. ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 31 दिसंबर को पब्लिश होने वाली है.

