Jaunpur News: जौनपुर ज़िले में एक शादी चर्चा का विषय बन गई है. क्योंकि शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है. इसके वायरल होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि शादी एक मुस्लिम परिवार में हो रही है, लेकिन परिवार ने दुबे सरनेम का इस्तेमाल किया है, जो आजकल सुर्खियों में है.
केराकत तहसील के देहरी गांव में 40 से 50 मुस्लिम परिवार है जो हिंदू सरनेम का इस्तेमाल करते है. वे कहते हैं कि उनके पूर्वज हिंदू थे. हालांकि इन मुस्लिम परिवारों ने न तो हिंदू धर्म अपनाया है और न ही वे धर्म बदलने की बात करते है. इस यूपी के गांव में कुछ लोगों का मानना है कि हिंदू सरनेम का इस्तेमाल सांप्रदायिक खाई को पाटने में मदद कर सकता है. नौशाद अहमद जिन्हें गांव वाले प्यार से दुबे जी कहते है. इसी गांव के है. नौशाद ने बताया कि उन्होंने शेख सरनेम का इस्तेमाल नहीं किया, हालांकि उनके रिश्तेदारों ने किया था. उन्होंने बताया कि उन्होंने इसका इस्तेमाल इसलिए नहीं किया क्योंकि यह एक अरबी सरनेम है.
शादी 14 दिसंबर 2025
नौशाद ने बताया कि उनके परिवार के बड़े-बुजुर्ग गांव में पंडित जी के नाम से जाने जाते थे. उनके परदादा ने उन्हें बताया था कि उनके पूर्वज लाल बहादुर दुबे, देहरी आए और जमींदारी (जमीन) खरीदी है. बाद में उन्होंने इस्लाम अपना लिया है. नौशाद कहते हैं कि वह अभी भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे है कि उनके पूर्वजों ने धर्म क्यों बदला है. नौशाद तब से अपने पूर्वजों का सरनेम ‘दुबे’ इस्तेमाल कर रहे है. नौशाद के घर 14 दिसंबर 2025 को शादी है, और शादी के कार्ड पर “बहु भोज” (शादी की दावत) और तारीख 14 दिसंबर रविवार दोपहर 12:00 बजे प्रमुखता से लिखा है. हालांकि इस कार्ड पर जो लाइन सबसे ज़्यादा वायरल हो रही है, वह नाम के साथ ‘दुबे’ सरनेम का इस्तेमाल है.
यह कार्ड चर्चा का विषय बन गया है
एक मुस्लिम परिवार की शादी में दुबे सरनेम का इस्तेमाल काफी चर्चा का विषय बन गया है. कार्ड पर लिखा है, “आप सभी को 1669 ईस्वी के ज़मींदार श्री लाल बहादुर दुबे की आठवीं पीढ़ी के वंशज खाली दुबे की शादी और रिसेप्शन के शुभ अवसर पर आमंत्रित किया जाता है.” नौशाद ये कार्ड अपने रिश्तेदारों को बांट रहे हैं, उन्हें शादी में बुला रहे है. शेख समुदाय में शादी हालांकि नौशाद ने बताया कि शादी मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार होगी. शादी उनके अपने समुदाय ‘शेख समुदाय’ में हो रही है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि जिस परिवार में शादी हो रही है, उनके पूर्वज कौन थे या उनका सरनेम क्या था. नौशाद अहमद दुबे पहले भी जिले में सुर्खियों में रह चुके है. नौशाद गौ-रक्षा गतिविधियों में भी शामिल है. और उम्मीद है कि RSS और सरकार के कई प्रमुख लोग उनकी शादी समारोह में शामिल होंगे.