Gorakhpur Psycho Killer Crime News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के कारागार में बंद 22 साल का अजय निषाद नाम का एक कैदी की कहानी सुनकर आपकी रूह कांप उठेगी. यह युवा कैदी एक सीरियल किलर है, जिसे सिर्फ काले कपड़े पहनने और महिलाओं पर हमला करके उन्हें तड़पता देखने में बेहद ही आनंद आता था. आरोपी अब तक पांच महिलाओं पर हमला कर चुका है, जिसमें एक महिला ने हमले के दौरान ही दम तोड़ दिया है.
नफरत में कैसे बदली लव स्टोरी?
बांसगांव थाना क्षेत्र का रहने वाला आरोपी अजय निषाद केवल दसवीं पास है. साल 2022 में उसे एक लड़की से प्रेम हो गया था, जब वह उससे मिलने उसके घर गया, तो लड़की के परिजनों ने उसके साथ मारपीट की यहां तक की उसका मुंह काला करके पुलिस के हवाले कर दिया.
आरोपी के अंदर नफरत कैसे हुई पैदा?
आरोपी ने पुलिस को जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान उसकी प्रेमिका ने भी उसका साथ नहीं दिया और मुंह फेर लिया था. 6 महीने जेल के अंदर बिताने के बाद साल 2024 में जब वह बेल पर बाहर आया, तो उसके दिल में लड़कियों और महिलाओं के प्रति गहरी नफरत बढ़ने लगी थी.
काले कपड़ों में करता था हमला
जेल से बाहर आने के बाद अजय एक खतरनाक ‘साइको किलर’ बन चुका था. वह सुनसान इलाकों में अकेली महिलाओं को देखता और उन पर हमला करके उनका चेहरा बिगाड़ कर छोड़ देता था. अजय को महिलाओं को तड़पता देखकर ‘सुकून’ मिलता था.
वह हमेशा काले कपड़े पहनकर हमला करता था और नंगे पांव रहता था, ताकि भागने में आसानी हो सके. वह ऐसी जगह चुनता था जहां आसपास किसी तरह के सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हों. लगातार हमलों के बावजूद, भी पुलिस उसे पकड़ने में नाकामयाब साबित हो रही थी. जुलाई 2025 में एक और जानलेवा हमला करने के बाद पुलिस ने आखिरकार उसे गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली. आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसे जेल में बंद कर दिया.
जेल में भी करता था अजीब हरकतें
जेल में भी अजय की हरकतों पर विशेष रूप से कड़ी नजर रखी जा रही थी. वह जेल में मिलने आने वाले परिजनों से सिर्फ काले कपड़ों की डिमांड करता है. उसका कहना है कि शनिवार (शनि भगवान का दिन) को काले कपड़े पहनने से उसकी रक्षा हो सकेगी. जेल अधीक्षक दिलीप पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि अजय रात में जल्दी सोता नहीं है और कभी-कभी मुंह से डीजे की आवाज तक निकालता है. डीजे का शौकीन होने की वजह से वह अन्य कैदियों के बीच भी काफी लोकप्रिय है.
अजय की हरकतों पर पारिवारिक दावा
अजय के परिजन उसे ‘मासूम’ बताते हैं और दावा करते हैं कि उसने परिस्थितियों की वजह से वह ऐसा बन गया है. जेल अधीक्षक ने मामले में जानकारी देते हुए कहा कि अजय कब हमलावर हो जाए, इसका कुछ पता नहीं, इसलिए उस पर सख्त निगरानी भी रखी जाती है.